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डॉक्टरों की लापरवाही से अपंग हो गई बच्ची, महिला आयोग ने मेडिकल काउंसिल को भेजा नोटिस

दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही के चलते एक बच्ची अपंग हो गई. बच्ची के पिता की शिकायत पर दिल्ली महिला आयोग ने मेडिकल काउंसिल को फटकार लगाते हुए मामले में एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है.

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (फाइल फोटो-पीटीआई) दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (फाइल फोटो-पीटीआई)
राम किंकर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 05 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 10:56 PM IST

दिल्ली महिला आयोग ने गुरु तेग बहादुर अस्पताल में चिकित्सीय लापहरवाही के कारण 2 साल की बच्ची के अपंग होने के मामले में दिल्ली मेडिकल काउंसिल को नोटिस जारी किया है. बच्ची के पिता ने आयोग में अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा चिकित्सकीय लापरवाही की शिकायत दर्ज करवाई थी. इसके बाद आयोग ने मेंडिकल काउंसिल को चिकित्सकों की लापरवाही पर कार्रवाई न करने के लिए नोटिस भेजकर एफआईआर दर्ज करवाने को कहा है.

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बच्ची के पिता ने आरोप लगाया है कि गुरु तेग बहादुर अस्पताल के हड्डी रोग विभाग द्वारा चिकित्सीय लापरवाही के कारण उनकी बेटी शारीरिक रूप से अपंग हो गई. दिल्ली महिला आयोग ने इस मामले में दिल्ली मेडिकल काउंसिल से जांच रिपोर्ट मांगी थी. मेडिकल काउंसिल ने अपनी रिपोर्ट में डॉ राहुल अंशुमन को चिकित्सकीय लापरवाही और डॉ नरेश सैनी को रिकॉर्ड ठीक से न रखने के मामले में दोषी पाया. लेकिन मेडिकल काउंसिल ने इस मामले में डॉ. राहुल को केवल चेतावनी देकर छोड़ दिया.

आयोग ने इस बात पर कड़ी आपत्ति जताई कि चिकित्सकीय लापरवाही जैसे गंभीर अपराध के बावजूद डॉ राहुल अंशुमन और डॉ. नरेश सैनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की गई और उन्हें केवल चेतावनी देकर छोड़ दिया. आयोग ने जिम्मेदार चिकित्सकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने, लाइसेंस निलंबित करने और एफआईआर दर्ज करवाने की मांग की है. आयोग ने पीड़ित बच्ची को मुआवजा दिलाने के लिए दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को लिखा है.  

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दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने कहा, “यह बहुत ही गंभीर घटना है. डॉक्टरों की लापरवाही के कारण एक 2 साल की बच्ची जिन्दगी भर के लिए अपंग हो गई है. उसकी पीड़ा और संघर्ष का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. इस तरह के चिकित्सकों को प्रैक्टिस में रहने का अधिकार नहीं है. उनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होनी चाहिए. दिल्ली महिला आयोग बच्ची को न्याय दिलाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगा.”

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