
संत रविदास जयंती के अवसर पर दिल्ली के आरके पुरम इलाके में 1980 के दशक में बने मंदिर को जेसीबी से तोड़ने पहुंची डीडीए की टीम को स्थानीय लोगों के भारी विरोध का सामने करना पडा. इसके बाद अधिकारी फौरन वहां से वापस लौट गए. मंदिर को तोड़ने की खबर सुनते ही उसके बुजुर्ग पुजारी रोने लगे.
एक तरफ पूरे देश में भगवान रविदास की जयंती धूम-धाम से मनाई जा रही है, वहीं दूसरी तरफ देश की राजधानी दिल्ली के आर के पुरम सेक्टर 9 में शिव दुर्गा साईं मंदिर को तोड़ने के लिए डीडीए के अफसर अचानक पहुंच गए जिससे वहां हलचल मच गई.
मंदिर तोड़ने की खबर पर ही आसपास के स्थानीय लोगों का वहां जमावड़ा लग गया और लोग इसके विरोध में उतर आए. लोगों के विरोध के बाद वहां स्थानीय नेता भी पहुंच गए जिससे मामला और गरम गया. मंदिर को तोड़ने पहुंचे अधिकारियों और स्थानीय लोगों के बीच जमकर कहासुनी हो गई.
लोगों के बढ़ते विरोध और तनाव को देखते हुए डीडीए के अफसरों को वापल लौटना पड़ा. वहीं मंदिर के बुजुर्ग पुजारी का कहना है कि यह मंदिर लगभग 40 साल पुराना है. स्थानीय लोग लगातार आस्था के साथ इस मंदिर मे पूजा-पाठ करने आते है. लेकिन पिछले कुछ समय से डीडीए के द्वारा लगातार मंदिर को तोड़ने की कोशिश की जा रही है.
स्थानीय लोगों ने दावा किया कि डीडीए के द्वारा मंदिर को तोड़ने की कोशिश की गयी थी. वहीं पूर्व विधायक अनिल शर्मा ने कहा कि वो इस मामले को अपने पार्टी के शीर्ष नेताओं को बताएंगे और निवेदन करेंगे कि DDA इसे ना तोड़े.
(इनपुट- अमरदीप कुमार)
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