
दिल्ली के राजेंद्र नगर में RAU's IAS कोचिंग सेंटर में हुए हादसे के बाद सियासत तेज हो गई है. इसी बीच दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने ड्रेनेज सफाई समेत कई मुद्दों पर एलजी और बीजेपी को घेरा है.मंत्री ने कहा कि डिसेल्टिंग (गाद हटाने) के लिए दिल्ली सरकार ने सर्दियों में अधिकारियों की अहम बैठक बुलाई थी. लेकिन तमाम नोटिस के बावजूद भी इस मीटिंग में कोई अधिकारी शामिल नहीं हुआ.
मीटिंग में नहीं आया कोई वरिष्ठ अधिकारीः सौरभ
आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में जलभराव को रोकने की योजना बनाने के लिए बुलाई गई बैठक में भी कोई उच्च अधिकारी शामिल नहीं हुआ. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि डिसेल्टिंग को लेकर दिल्ली सरकार ने जितनी कोशिश की है उतना 20 राज्यों में बीजेपी की सरकारों ने नहीं किया होगा.उन्होंने कहा कि डिसेल्टिंग के कामकाज का सबूत देने पर भी मुख्य सचिव और अन्य अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है. मंत्री ने आरोप लगाया कि मैंने अधिकारियों के इस मनमाने रवैये को लेकर गृह मंत्रालय को जानकारी भी दी. लेकिन कोई एक्शन लेने के बजाय उन अधिकारियों को 3 महीने का एक्सटेंशन दे दिया गया.
यह भी पढ़ें: डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से निपटने के लिए दिल्ली तैयार, सौरभ भारद्वाज ने दिए सख्त निर्देश
कहा- मुझे एलजी कार्यालय पर दया आती है
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मुझे एलजी साहब के कार्यालय पर दया आती है कि वे उन अधिकारियों को बचाने के लिए कहानियां गढ़ रहे हैं जिनका डिसेल्टिंग में भ्रष्टाचार रंगे हाथों पकड़ा गया है. यह अपने गलत कामों के लिए बलि का बकरा ढूंढने की एलजी कार्यालय की हताशा को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि यह फाइल सीधे तौर पर यमुना में गिरने वाले 22 नालों से संबंधित है और इसका शहर में जलभराव से कोई लेना-देना नहीं है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हमारे मंत्रालय की ओर से कोई फाइल लंबित नहीं है. एलजी साहब को दिल्ली की समझ नहीं है.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एलजी कार्यालय को जवाब देना चाहिए कि डिसेल्टिंग केवल कागजों पर ही क्यों की गई? नियमित लिखित निर्देशों के बावजूद सीएस ने गाद निकालने की रिपोर्ट सरकार के साथ साझा क्यों नहीं की? सीएस नरेश कुमार क्या छुपा रहे थे? मंत्री के लिखित निर्देश और हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद सीएस ने थर्ड पार्टी ऑडिट क्यों नहीं कराया? बता दें कि एलजी कार्यालय ने आरोप लगाया था कि दिल्ली में डिसेल्टिंग से जुड़ी तमाम जरूरी फाइलें मंत्री सौरभ भारद्वाज ने महीनों तक लंबित रखी हैं.