
Air Pollution in Delhi-NCR: दिल्ली-एनसीआर की एयर क्वालिटी पिछले कई दिनों से बहुत खराब चल रही है. यूं तो धीरे-धीरे हवा की गुणवत्ता में कुछ हद तक सुधार हो रहा है, लेकिन अब भी हवा जहरीली बनी हुई है. वहीं, आने वाले समय में राजधानी की हवा और अधिक खराब हो सकती है. दिल्ली की एयर क्वालिटी सोमवार सुबह भी 'बहुत खराब' कैटेगरी में बनी रही. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार, ओवरऑल एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 318 दर्ज की गई है.
SAFAR के बुलेटिन के अनुसार, एयर क्वालिटी आने वाले समय में और खराब हो सकती है. दिल्ली सरकार ने शनिवार को स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में सोमवार से एक सप्ताह के लिए ऑफलाइन कक्षाएं बंद करने का ऐलान किया है. आवश्यक सेवाओं में शामिल लोगों को छोड़कर सभी सरकारी कार्यालयों, एजेंसियों आदि को घर से काम करने के लिए कहा गया है. इसके अलावा, निर्माण को भी बंद कर दिया गया है.
इसके अलावा, दिल्ली-NCR के अन्य शहरों में भी एयर क्वालिटी जहरीली ही बनी हुई है. गाजियाबाद में 331, गुरुग्राम में 287, नोएडा में 321, फरीदाबाद में 298 और ग्रेटर नोएडा में 310 दर्ज की गई है. जीरो से 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 को 'संतोषजनक', 101 और 200 को 'मध्यम', 201 और 300 को 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 को 'गंभीर' माना जाता है. इसके अलावा, मौसम विभाग (IMD) ने कहा कि इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयर पोर्ट पर विजिबिलिटी का लेवल 1,500 से 2,200 मीटर और सफदरजंग हवाई अड्डे पर 1,000 से 1,500 मीटर तक था.
...और खराब हो सकती है राजधानी की हवा
वहीं, SAFAR एजेंसी ने आशंका जताई है कि आने वाला समय और खराब हो सकता है. दरसअल, शांत हवा के हालात के कारण 16 नवंबर की रात से एयर क्वालिटी और अधिक खराब होने की आशंका है. एजेंसी ने कहा कि 17 नवंबर को यह 'बेहद खराब' कैटेगरी के ऊपरी छोर पर रहने की संभावना है.
उधर, दिल्ली सरकार राजधानी में एयर क्वालिटी को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में लॉकडाउन और उसके तौर-तरीकों पर एक प्रस्ताव पेश करेगी. शीर्ष अदालत ने शनिवार को प्रदूषण के स्तर में वृद्धि को 'आपातकालीन स्थिति' करार दिया था और राष्ट्रीय राजधानी में लॉकडाउन का सुझाव दिया था.
राज्य सरकारों को प्रतिबंधों को लागू करने की सलाह
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने रविवार को हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश को दिल्ली सरकार द्वारा वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को रोकने के लिए घोषित प्रतिबंधों को लागू करने पर विचार करने की सलाह दी, जिसमें निर्माण गतिविधियों के साथ-साथ स्कूलों को बंद करना शामिल है.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में राज्य सरकारों और जिला प्रशासनों को भी सुझाव दिया गया है कि वे ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के विभिन्न चरणों के दौरान उठाए जाने वाले कदमों पर जनता के लिए 'नागरिक चार्टर / सलाह' जारी करें. आयोग ने संबंधित राज्यों और एजेंसियों को जीआरएपी के तहत आने वाले 'आपातकालीन उपायों' को लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार रहने के लिए कहा है.
बता दें कि एयर क्वालिटी को उस समय आपातकालीन श्रेणी में माना जाता है यदि PM 2.5 और PM 10 का लेवल 300 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर और 500 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर 48 घंटे या उससे अधिक समय तक बना रहता है. आयोग ने यह भी कहा कि दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वालिटी थार रेगिस्तान के दक्षिण-पश्चिम दिशाओं से चलने वाली धूल भरी आंधी से बहुत प्रभावित हुआ, जिससे भारी मात्रा में धूल आई, जिसने पीएम 2.5 और पीएम 10 को और बढ़ा दिया.