Advertisement

कारों से ज्यादा दो पहिया गाड़ियों से प्रदूषण, TERI की रिसर्च में दावा

दिल्ली में ऑड-ईवन लागू होने के बाद प्रदूषण कम होने के दावे किए जा रहे हैं, जबकि द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंडिया (टेरी) का दावा है कि चार पहिया गाड़ियों पर नियम लगाने से कोई फायदा नहीं होगा.

दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर (फाइल फोटो-AP) दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर (फाइल फोटो-AP)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 12:35 PM IST

  • दो पहिया गाड़ियों से होता है 25 फीसदी प्रदूषण, कारों से सिर्फ 12%
  • टेरी ने दी सभी गाड़ियों पर ऑड-ईवन नियम लागू करने की सलाह

दिल्ली में ऑड-ईवन लागू होने के बाद प्रदूषण कम होने के दावे किए जा रहे हैं, जबकि द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंडिया (टेरी) का दावा है कि चार पहिया गाड़ियों पर नियम लगाने से कोई फायदा नहीं होगा. टेरी के मुताबिक, सबसे ज्यादा प्रदूषण दो पहिया गाड़ियों से होता है. अगर हमें प्रदूषण के खिलाफ मुहिम चलाना है तो सभी गाड़ियों पर ऑड-ईवन नियम लगाना होगा. वोट बैंक की पॉलिटिक्स से हटकर सोचना होगा.

Advertisement

टेरी की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में 25 फीसदी प्रदूषण दो पहिया वाहनों से होता है. कारों से केवल 12 फीसदी प्रदूषण होता है. जबकि बस से 9 फीसदी, ऑटो से 18 फीसदी, ट्रक से 29 फीसदी और ट्रैक्टर से 5 फीसदी प्रदूषण होता है. पराली जलाने के समय दो पहिया वाहनों से 40 फीसदी तक प्रदूषण होता है. ऐसे में सिर्फ चार पहिया गाड़ियों पर ऑड-ईवन नियम लागू करने से फायदा नहीं होगा.

ऑड-ईवन नियम लागू होने से पहले टेरी के एसोसिएट डायरेक्टर (अर्थ साइंस एंड क्लाइमेट चेंज डिवीजन) सुमित शर्मा ने कहा कि ऑड-ईवन से प्रदूषण के डेटा में कोई खास सुधार नहीं होगा. इससे पहले टेरी के साथ-साथ दिल्ली और कानपुर के आईआईटी के वैज्ञानिक, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मीटिरोलॉजी (आईआईटीएम-पुणे) और काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) ने अपनी रिसर्च में कहा था कि पहले ऑड-ईवन से प्रदूषण केवल 2-3 फीसदी कम हुआ था.

Advertisement

ऑड-ईवन नियम को लेकर कंफ्यूजन

दिल्ली में ऑड-ईवन लागू हो चुका है, लेकिन ऑड-ईवन पर कंफ्यूज़न अब भी बकरार है. खासतौर पर कामर्शियल वाहनों को लेकर. सरकार की तरफ से ये कहा गया है कि कैब, टैक्सी जैसे कामर्शियल वाहन ऑड ईवन से बाहर रहेंगे, लेकिन क्या इस कैटेगरी में ट्रक और ट्रक्टर भी आते हैं. फिलहाल इसका जवाब अधिकारियों के पास भी नहीं है. नरेला बॉर्डर पर ईट और पत्थर से लदे हुए कई ट्रैक्टर ट्रॉली ट्रक दिल्ली खुलेआम एंट्री करते नजर आए. हैरानी की बात ये है कि इन पर ऑड-ईवन लागू है या नहीं. इसकी जानकारी टोल कर्मियों को भी नहीं है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement