
दिल्ली में केंद्र सरकार का केंद्रीय मुख्यालय है और यहां प्रदूषण की गंभीरता ने शहर को हिला दिया. दिल्ली के प्रदूषण के बारे में कई वैज्ञानिक अध्ययन भी किए गए हैं. दिल्ली के प्रदूषण को समझने के क्रम में इंडिया टुडे की डाटा इंटेलीजेंस यूनिट (DIU) ने पाया कि इस पूरे साल में दिल्ली को सांस लेने के लिए सिर्फ दो दिन साफ हवा नसीब हुई.
अगर AQI का स्तर 50 से नीचे रहता है तो माना जाता है कि हवा की गुणवत्ता अच्छी है. 1 जनवरी, 2019 से लेकर 5 नवंबर तक राजधानी दिल्ली में सिर्फ दो दिन ऐसे गुजरे जब 24 घंटे के लिए AQI का स्तर 50 से नीचे था.
17 और 18 अगस्त को (दोनों दिन) दिल्ली में AQI का स्तर 49 रहा. यह अच्छा भी रहा और खराब भी. अच्छा इसलिए क्योंकि 2018 में दिल्ली में एक भी दिन ऐसा नहीं गुजरा था जो 'अच्छे' के श्रेणी में आए और बुरा इसलिए क्योंकि हवा की 'अच्छी' गुणवत्ता वाले दिनों की संख्या बेहद कम रही.
अगर औसत देखें तो इस साल 4 नवंबर तक दिल्ली में AQI का स्तर पिछले साल के मुकाबले बेहतर रहा.
2018 के मुकाबले देखें तो 2019 में औसत AQI में 4 फीसदी की गिरावट आई है, यानी दिल्ली का प्रदूषण 4 फीसदी तक नीचे आया है.
आंकड़ों पर गौर करने पर पता चलता है कि इस साल हवा की गुणवत्ता के मामले में ‘खराब’ और ‘बहुत खराब’ श्रेणी के दिनों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट आई है.
दिल्ली में 2018 में 102 दिन ऐसे रहे जब हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी की थी. 2019 में ‘खराब’ श्रेणी के दिनों की संख्या घटकर 85 हो गई. इसी तरह ‘बहुत खराब’ गुणवत्ता वाले दिनों की संख्या 2018 में 39 थी जो 2019 में 34 रही. इस तरह ‘खराब’ और ‘बहुत खराब’ हवा की गुणवत्ता वाले दिनों की संख्या 22 कम हो गई.
हालांकि, ‘गंभीर’ माने जाने वाले दिनों की संख्या में आंशिक बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है. 1 जनवरी से 4 नवंबर तक कुछ 11 दिन ऐसे गुजरे जब दिल्ली की हवा में AQI का औसत 24 घंटों के लिए 400 से ज्यादा था. पिछले साल इसी अवधि में ऐसे दिनों की संख्या 10 रही थी.
2018 से 2019 तक 'अच्छे दिनों' की संख्या 0 से बढ़कर 2 हो गई. संतोषजनक (AQI 51-100) दिनों की संख्या 53 से बढ़कर 57 हुई है और औसत (AQI 101-200) दिनों की संख्या 103 से बढ़कर 118 हो गई है.
दिल्ली में 118 दिन ऐसे रहे जब हवा की गुणवत्ता (AQI 100-200) औसत रही, 2018 में ऐसे दिनों की संख्या 103 थी. इस तरह अच्छे से लेकर औसत गुणवत्ता वाले दिनों में 21 दिनों की बढ़ोत्तरी हुई.
कौन सा महीना सबसे प्रदूषित?
अगर महीने-वार AQI का आंकड़ा देखें तो पता चलता है कि नवंबर के दिन सबसे ज्यादा प्रदूषित रहे, लेकिन चूंकि नवंबर में अभी सिर्फ चार दिन बीते हैं इसलिए नवंबर को हमने फिलहाल विश्लेषण से बाहर रखा है. इस महीने के अंत में नवंबर के आंकड़े अपडेट कर दिए जाएंगे.
इस तरह नवंबर से पहले देखें तो जनवरी इस साल का सबसे प्रदूषित महीना रहा, जब दिल्ली में AQI का औसत 326 रहा जो कि ‘बहुत खराब’ की श्रेणी में आता है. इसके बाद 239 (खराब) AQI के साथ फरवरी दूसरे नंबर पर रहा और अक्टूबर 234 AQI के साथ तीसरे नंबर पर रहा.
अगस्त और सितंबर दो ऐसे महीने गुजरे जिसमें हवा की गुणवत्ता सबसे अच्छी रही. अगस्त में AQI का औसत 86 (संतोषजनक) और सितंबर में 97 (औसत) रहा. इसके अलावा, सिर्फ दो महीने ऐसे गुजरे जब औसत AQI 100 से नीचे रहा.