
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण से निपटने के लिए विंटर एक्शन प्लान का ऐलान किया है. सीएम केजरीवाल ने दिल्ली में प्रदूषण रोकथाम के लिए उठाए गए 10 कदम गिनाए और अन्य राज्यों से प्रदूषण से जंग लड़ने के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं. आइए जानते हैं कि दिल्ली विंटर एक्शन प्लान 2021 क्या है? पराली- पूसा इंस्टीट्यूट की मदद से एक घोल बनाया गया है. इसके छिड़काव से पराली गल जाती है. सरकार इसे किसानों के लिए फ्री में उपलब्ध करवा रही है. एन्टी डस्ट कैंपेन मज़बूत किया जा रहा है. 75 टीमों का गठन पूरी दिल्ली में किया गया है. यह टीम, कंस्ट्रक्शन साइट पर जाकर मुआयना करेंगे और अगर उल्लंघन पाया गया तो जुर्माना करेगी.
कूड़ा जलने से बचाने के लिए 250 टीम का गठन किया गया है. पटाखों के ऊपर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है. Smog tower लगाया गया है. देश का पहला स्मॉग टावर दिल्ली में लगाया गया है. उसके बड़े अच्छे नतीजे आ रहे हैं अगर सफल रहा तो दिल्ली की और इलाकों में भी लगाए जाएंगे. हॉटस्पॉट्स यानी जहां ज्यादा पॉल्यूशन होता है, वहां पर निगरानी रखी जा रही है. इनकी निगरानी के लिए विशेष टीम बनाई गई हैं. ग्रीन वॉर रूम को और मजबूत किया जा रहा है. 50 नए पर्यावरण इंजीनियर की भर्ती की गई है. यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के साथ भी तालमेल किया गया है.
ग्रीन दिल्ली एप का लगातार इस्तेमाल किया जा रहा है. आपको कहीं पर भी कूड़ा जलता देखें या प्रदूषण देखें तो आप इस पर शिकायत दर्ज कीजिए. देश का पहला ई-वेस्ट पार्क दिल्ली में 20 एकड़ की जमीन पर बनाया जा रहा है. ई-वेस्ट के पहले से जो प्रदूषण फैलता है उसकी रोकथाम के लिए इसको बनाया जा रहा है. वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए 64 ऐसी सड़कों को चिन्हित किया गया है जहां पर ज्यादा जाम लगते हैं और उसकी वजह से पॉल्यूशन होता है. यहां पर जाम को रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे. पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल के सर्टिफिकेट की कड़ाई से जांच करने के लिए 500 टीम का गठन किया गया है.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने गिनाए प्रदूषण से निपटने के लिए उठाए गए 10 कदम
1. 24 घंटे बिजली, जनरेटर बंद... प्रदूषण कम
2. डस्ट पॉल्युशन पर सख्ती, कंस्ट्रक्शन साइट पर सख्ती.
3. पेरीफेरल एक्सप्रेस वे केंद्र सरकार ने बनवाया जिसकी वजह से ट्रक दिल्ली के बाहर से ही निकल जाते हैं.
4. कोयले वाले दो थर्मल प्लांट दिल्ली में थे, बंद कर दिए.
5. दिल्ली में पहले जो ईंधन उद्योग में इस्तेमाल होता था वह प्रदूषण करता था अब 100% PNG कर दिया जिससे पॉल्युशन नहीं होता
6. ट्री प्लांटेशन पॉलिसी लेकर आये, पेड़ कम कटेंगे
7 ग्रीन दिल्ली ऐप बनाया, 93% शिकायतों का निपटारा किया
8. इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी दिल्ली में लागू की गई
9. GRAP लागू किया
10 ग्रीन वॉर रूम बनाया जिसमें पॉल्यूशन के सारे डेटा के रियल टाइम मॉनिटरिंग होती है.
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अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सर्दियों के कुछ महीनों को छोड़कर बाकी समय में दिल्ली में प्रदूषण लगभग कंट्रोल में रहता है. 15 सितंबर के आसपास से मैंने ट्वीट करके बताना शुरू किया, इस वक्त अभी तक दिल्ली का प्रदूषण कंट्रोल में है. अब इसके बाद आसपास की पड़ोस की राज्य सरकारों ने कुछ नहीं किया. केंद्र सरकार ने भी कुछ नहीं किया. इसकी वजह से किसानों को पराली जलाने पड़ेगी और उसकी वजह से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ेगा.
पराली का विकल्प अब निकल आया है. दिल्ली सरकार ने आरोप-प्रत्यारोप करने के बजाए समाधान निकाला है और हम केंद्र सरकार के संपर्क में हैं. कोशिश करेंगे, इसको ज्यादा से ज्यादा लागू करें. बीते 7 सालों से जब से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है दिल्ली के 2 करोड़ लोगों के साथ मिलकर हमने प्रदूषण कम करने का काम किया. 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों को स्क्रैप करने का अभियान चलाया जा रहा है.
ज्यादा से ज्यादा जनता की भागीदारी इसमें सुनिश्चित करने के लिए इसको जन अभियान में बदला जाएगा. जन अभियान की सारी जानकारी कुछ दिन बाद दूंगा, तैयारी चल रही है.
अरविंद केजरीवाल की केंद्र सरकार और आसपास की राज्य सरकारों से अपील :
1. पराली जलने से रोकें, किसान मजबूर हैं. ऐसे में सरकार को आगे आना होगा. जैसे हमने किसानों की मदद की. ऐसे ही बाकी राज्य सरकारों को भी करनी होगी.
2 NCR से दिल्ली आने वाले वाहनों को सीएनजी में परिवर्तित किया जाए
3. NCR एरिया में चल रहे सभी उद्योगों के ईंधन को प्रदूषण फैलाने वाले इंधन से बदलकर PNG में बदल दिया जाए
4. पड़ोसी राज्यों में जो थर्मल पावर प्लांट चल रहे हैं जिसका धुआं और कण वायु में आते हैं उसको या तो बंद किया जाए या फिर नई तकनीक का इस्तेमाल करके इनको परिवर्तित किया जाए.
5. NCR या पड़ोसी राज्यों में चल रहे ईट भट्टों को किसी दूसरी तकनीक पर डाला जाए ताकि वह प्रदूषण ना कर सके.
6. NCR के इलाकों में 24 घंटे की सप्लाई दें ताकि लोग डीजल के जनरेटर ना चलाएं.
7. पड़ोसी राज्य या एनसीआर अपने यहां हॉटस्पॉट चिन्हित करके उनकी निगरानी करें, कड़े कदम उठाएं