
कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्षों ने शीला दीक्षित की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं. दिल्ली के तीन कार्यकारी अध्यक्ष हारून यूसुफ, देवेंद्र यादव और राजेश लिलोठिया ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जताई है. कार्यकारी अध्यक्षों ने ब्लॉक कमेटी भंग करने और पर्यवेक्षकों की नियुक्ति को गलत बताया है.
इसके अलावा दिल्ली कांग्रेस कमेटी के इंचार्ज पीसी चाको ने भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष शीला दीक्षित को पत्र लिखा है. पीसी चाको ने आरोप लगाया है कि उन्हें बिना सूचना दिए शीला दीक्षित ने 14 जिला कांग्रेस कमेटी पर्यवेक्षक और 280 ब्लॉक कांग्रेस कमेटी पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं. चाको ने आरोप लगाया कि यह एकतरफा निर्णय है जिसके बारे में उन्हें पहले कोई सूचना नहीं दी गई.
दिल्ली कांग्रेस में यह फूट उस समय देखने को मिली है, जब कांग्रेस में नेतृत्व का संकट गहराया हुआ है. लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कांग्रेस के कई नेताओं ने इस्तीफे की पेशकश की है.
जहां तक दिल्ली की बात है, तो लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सात सीटों में से कांग्रेस को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली. सातों सीटों पर बीजेपी ने फतह हासिल की थी. दिल्ली की जनता पर पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का भी जादू नहीं चला था. इसके अलावा दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के भी खाते में एक भी सीट नहीं आई थी.