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भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता पर एक्शन, दिल्ली विधानसभा से एक साल के लिए बाहर

दिल्ली विधानसभा में भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता को अगले बजट सत्र तक सदन से बाहर किया गया है. दिल्ली विधानसभा स्पीकर राम निवास गोयल ने भाजपा के विधायक विजेंद्र गुप्ता पर एक्शन लेते हुए उन्हें एक साल के लिए सदन से बाहर कर दिया है.

विजेंद्र गुप्ता को एक साल के लिए किया सदन से बाहर विजेंद्र गुप्ता को एक साल के लिए किया सदन से बाहर
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 21 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 4:51 PM IST

दिल्ली विधानसभा में बजट सत्र चल रहा है. राज्य के बजट को लेकर अड़चनें अब खत्म हो गई हैं और गृह मंत्रालय की ओर से बजट को पेश करने की मंजूरी भी मिल गई है. लेकिन इस बीच दिल्ली बीजेपी के विधायक विजेंद्र गुप्ता पर बड़ा एक्शन लिया गया है. 

विजेंद्र गुप्ता को अगले बजट सत्र तक सदन से बाहर किया गया है. दिल्ली विधानसभा स्पीकर राम निवास गोयल ने भाजपा के विधायक विजेंद्र गुप्ता पर एक्शन लेते हुए उन्हें एक साल के लिए सदन से बाहर कर दिया है. सदन में आरोप लगा कि भाजपा नेता सत्र को चलाने में अड़चनें पैदा कर रहे थे और विजेंद्र गुप्ता सदन में हंगामा कर रहे थे, इसलिए यह एक्शन लिया गया है.

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बजट लीक होने का उठाया मुद्दा

इससे पहले दिन में, विजेंद्र गुप्ता ने कथित रूप से बजट विवरण लीक करने पर विशेषाधिकारों के उल्लंघन के लिए नोटिस दिया था.

सदन का समय बर्बाद करने के लगे आरोप

इस पर विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा था, 'नियमों के मुताबिक इस तरह का नोटिस तीन घंटे पहले दिया जाना चाहिए. आप यह भी कह रहे हैं कि इस पर चर्चा होनी चाहिए. ऐसा लगता है कि आप सदन का समय बर्बाद कर रहे हैं.'

विधानसभा स्पीकर ने उठाया कदम

स्पीकर ने गुप्ता को कड़ी चेतावनी भी दी. उनके द्वारा दिए गए नोटिस में सोमवार को विधानसभा में पेश किए गए 'आउटकम बजट' के ब्योरे के लीक होने का जिक्र है. दोपहर 2 बजे के बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, गुप्ता ने फिर से इस मुद्दे को उठाया, जिसके बाद आप विधायक संजीव झा ने उन्हें एक साल के लिए निष्कासित करने की मांग की. सदन द्वारा पारित प्रस्ताव के रूप में गोयल ने कहा कि गुप्ता को अगले बजट सत्र तक दिल्ली विधानसभा की कार्यवाही से निलंबित किया जाता है.

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एक साल के लिए बाहर किए जाने के बाद भड़के भाजपा विधायक
 
इस एक्शन के बाद भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने कहा, जिस तरह के हालात यह बन रहे हैं दिल्ली के अंदर यह सरकार बिल्कुल लोकतांत्रिक प्रक्रिया से बाहर आ चुकी है. जिस तरह से बजट को लीक किया गया. हमारे द्वारा ब्रीच आफ प्रिविलेज का मुद्दा उठाया गया. उसके बाद स्पीकर ने खुद बुलाया और कहा कि उस नोटिस पर बात करना चाहते हैं. मैं उनके चेंबर में उनसे जाकर मिला.

मुझे मौका भी दिया, माइक भी खोला और आवाज आने लगी इनको 1 साल के लिए बाहर निकाल दो. मैं चुना हुआ नुमाइंदा हूं और जनता की आवाज उठाने के लिए आया हूं. जनप्रतिनिधि के रूप में मुझे राइट टू स्पीक है. आज मैं बहुत प्रताड़ित महसूस कर रहा हूं.

भाजपा विधायक ने उठाए सवाल 
 
विजेंद्र गुप्ता ने कहा, आज बजट पेश नहीं किया गया और बजट की नौटंकी बनाई गई. दिल्ली सरकार ने मजाक बनाकर रख दिया है. हम इस पूरे मामले पर राष्ट्रपति, लोकसभा स्पीकर से मिलेंगे और कानूनी कार्यवाही करेंगे. घोटाले में जिस सरकार का उपमुख्यमंत्री कौन जेल में है, ऐसी पार्टी को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है. वित्त मंत्री को तुरंत हटाया जाए. उन्हें इस्तीफा देना चाहिए और आज बजट पेश नहीं किया गया और बजट लीक कैसे हुआ इस पर सीबीआई जांच होनी चाहिए.

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बजट को मिली केंद्र की मंजूरी

इसके अलावा दिल्ली के बजट 2023-24 को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से मंजूरी भी दे दी गई है. दिल्ली में केजरीवाल सरकार का बजट आज यानी मंगलवार को पेश होना था, लेकिन गृह मंत्रालय ने विज्ञापन, पूंजीगत व्यय पर खर्च और आयुष्मान भारत जैसे मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगते हुए इस पर रोक लगा दी थी.

केजरीवाल ने पीएम मोदी को लिखा था पत्र

इसे लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र पर गुंडागर्दी का भी आरोप लगाया था. इससे पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने दावा किया था कि केंद्र ने आज विधानसभा में पेश होने वाले दिल्ली सरकार के बजट पर रोक लगा दी. केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर कहा था कि प्लीज बजट मत रोकिए.आप हम दिल्ली वालों से क्यों नाराज हैं?

केजरीवाल ने कहा, देश के 75 साल के इतिहास में पहली बार किसी राज्य का बजट रोका गया है. अरविंद केजरीवाल ने चिट्ठी में लिखा कि दिल्ली वाले आपसे हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहे हैं कि हमारा बजट पास कर दीजिए.

गृह मंत्रालय ने इस वजह से रोका था बजट

गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली सरकार के बजट का मात्र 20% पूंजीगत व्यय पर खर्च करने का प्रस्ताव है. यह राशि देश की राजधानी और महानगर दिल्ली के लिए पर्याप्त नहीं है. केजरीवाल सरकार दो साल में प्रचार प्रसार पर खर्च को दो गुना कर चुकी है, इस पर एलजी ने स्पष्टीकरण मांगा था. आयुष्मान भारत जैसी केंद्रीय योजनाओं का लाभ दिल्ली की गरीब जनता को न मिलने पर एलजी ने स्पष्टीकरण मांगा था.

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