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AAP की शैली ओबेरॉय फिर बनीं दिल्ली की मेयर, बीजेपी ने वापस लिया नाम

आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी शैली ओबेरॉय एक बार फिर दिल्ली की मेयर बन गई हैं. उनके अलावा मोहम्मद इकबाल को भी डिप्टी मेयर पद के लिए निर्विरोध चुन लिया गया क्योंकि बीजेपी की ओर से मेयर और डिप्टी मेयर के प्रत्याशियों ने चुनाव से पहले अपना नाम वापस ले लिया.

दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय (फाइल फोटो) दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय (फाइल फोटो)
राम किंकर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 26 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 11:58 AM IST

आम आदमी पार्टी के कैंडिडेट शैली ओबेरॉय और मोहम्मद इकबाल दिल्ली के मेयर और डिप्टी मेयर बन गए हैं. उन्हें दूसरे साल के लिए निर्विरोध चुन लिया गया है क्योंकि बीजेपी के दोनों कैंडिडेट शिखा राय और सोनी पांडे ने चुनाव के ऐन पहले अपना नामांकन वापस ले लिया था.  

बीजेपी की ओर से आरोप लगाया गया कि आम आदमी पार्टी संविधान के तहत काम नहीं कर रही है. हमारे सभी प्रयास के बावजूद आम आदमी पार्टी स्थायी समिति और वार्ड समितियों का गठन नहीं होने दे रही है, जिसकी वजह से नगर निगम में कोई कार्य नहीं हो पा रहा है.  

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केजरीवाल ने शैली ओबेरॉय को दी बधाई 

शैली ओबेरॉय को फिर से मेयर बनने पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट कर रहा है कि इस बार निर्विरोध मेयर और उप मेयर बनने पर शैली और इकबाल को बधाई. दोनों को शुभकामनाएं. लोगों को हमसे काफी उम्मीदें हैं. उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए कड़ी मेहनत करें.

इससे पहले फरवरी में हुए थे मेयर के चुनाव

इससे पहले फरवरी में दोनों पदों पर पहली बार चुनाव हुआ था. तब आम आदमी पार्टी की शैली ओबेरॉय ने मेयर और आले मोहम्मद इकबाल ने डिप्टी मेयर के पद पर जीत हासिल की थी. शैली ओबेरॉय ने चुनाव में 150 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी. उनके विरोध में बीजेपी ने रेखा गुप्ता को उम्मीदवार बनाया था. उन्हें 116 वोट मिले थे. 

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आले मोहम्मद इकबाल को मिले थे 147 वोट 

मेयर के साथ-साथ डिप्टी मेयर के पद पर भी AAP ने जीत हासिल की थी. दरअसल, डिप्टी मेयर के चुनाव में 265 वोट पड़े थे. इसमें 2 वोट अवैध घोषित कर दिए गए थे. आम आदमी पार्टी के आले मोहम्मद इकबाल ने 147 वोट हासिल करके डिप्टी मेयर की सीट जीत ली थी. वहीं बीजेपी के उम्मीदवार कमल बागड़ी को 116 वोट मिले थे. 

कांग्रेस ने किया था चुनाव का बहिष्कार 

पिछली बार मेयर चुनाव के लिए चार बार सदन बुलाना पड़ा था. चौथी बार में शांतिपूर्वक वोटिंग हुई थी. इस दौरान कोई विरोध नहीं हुआ था और न ही किसी तरह की नारेबाजी हुई थी. करीब साढ़े 11 बजे शुरू हुई वोटिंग 2 घंटे से ज़्यादा वक्त तक चली थी. मेयर चुनाव में दिल्ली के कुल 10 मनोनीत सांसदों, 14 मनोनीत विधायकों और 250 में से 241 निर्वाचित पार्षदों ने वोट किया था. कांग्रेस के 9 निर्वाचित पार्षदों ने मेयर चुनाव का बहिष्कार किया था. 

 

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