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दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष: चर्चित चेहरों पर भारी पड़े 'गुमनाम' से गुप्ता!

मनोज तिवारी से पहले बीजेपी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सतीश उपाध्याय, विजय गोयल और विजेंद्र गुप्ता जैसे नेताओं के पास रही. इन सभी के पास संगठन और चुनावी राजनीति का काफी अनुभव था.

दिल्ली बीजेपी के नये अध्यक्ष आदेश गुप्ता दिल्ली बीजेपी के नये अध्यक्ष आदेश गुप्ता
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 जून 2020,
  • अपडेटेड 3:08 PM IST

  • दिल्ली बीजेपी नये अध्यक्ष बने आदेश गुप्ता
  • आदेश गुप्ता ने 2017 में लड़ा था एमसीडी चुनाव
  • बड़े चेहरों को पछाड़कर आदेश गुप्ता को मिली कमान

दिल्ली बीजेपी को नया अध्यक्ष मिल गया है. मनोज तिवारी जैसे चर्चित चेहरे की जगह अब दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी आदेश गुप्ता को दी गई है. राजनीतिक गलियारों में चर्चित दिल्ली के तमाम दिग्गजों पर आदेश गुप्ता की गुमनामी भारी पड़ गई. राजधानी की सत्ता से दो दशक से दूर चल रही बीजेपी के इस फैसले को एक और प्रयोग के तौर भी देखा जा रहा है.

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दरअसल, इसकी बड़ी वजह भी है. 51 साल के आदेश गुप्ता ने पहला चुनाव 2017 में जीता जब उन्हें एमसीडी का टिकट दिया गया. इसके बाद 2018 में उन्हें नॉर्थ एमसीडी का मेयर चुना गया. हालांकि, अब वो इस पद पर नहीं हैं. यानी चुनाव लड़ने का तुजर्बा आदेश गुप्ता के पास काफी कम है.

दूसरी तरफ संगठन में भी उनकी सक्रियता ज्यादा नहीं रही है. मनोज तिवारी से पहले बीजेपी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सतीश उपाध्याय, विजय गोयल और विजेंद्र गुप्ता जैसे नेताओं के पास रही. इन सभी के पास संगठन और चुनावी राजनीति का काफी अनुभव था. नवंबर 2016 में सतीश उपाध्याय की जगह मनोज तिवारी को भी बिना सांगठनिक सक्रियता के ही अध्यक्ष बनाया गया था.

पार्टी के नेता भी हैरान!

हालांकि, मनोज तिवारी न सिर्फ दिल्ली से सांसद हैं बल्कि एक कलाकार होने के चलते दिल्ली के बाहर भी बेहद चर्चित चेहरा भी हैं. लेकिन आदेश गुप्ता के पास न चुनाव का तजुर्बा है, न संगठन की सक्रियता और न ही वो चर्चित चेहरा हैं. आदेश गुप्ता ने यूपी के कन्नौज से दिल्ली आकर खुद को कामयाब कारोबारी के रूप में स्थापित किया. वे मृदुभाषी और साफ-सुथरी छवि वाले माने जाते हैं. लेकिन उनके नाम पर मुहर लगने से पार्टी के ही कई नेता हैरान हैं.

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न्यूज एजेंसी पीटीआई ने दिल्ली बीजेपी नेताओं का नाम लिखे बिना उनके हवाले से बताया है कि इस साल दिल्ली चुनाव में हार के बाद से मनोज तिवारी का पद जाना तय माना जा रहा था और उनकी जगह कई बड़े नेताओं के नाम चर्चा में थे. लेकिन इस रेस में हमने कभी आदेश गुप्ता का नाम नहीं सुना.

हालांकि, कुछ नेताओं ने ये भी कहा है कि एबीवीपी के दौर से ही आदेश गुप्ता के आरएसएस से मजबूत रिश्ते रहे हैं, ऐसे में उनकी नियुक्ति से लग रहा है कि पार्टी निचले स्तर तक कार्यकर्ताओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है. इन नेताओं का ये भी मानना है कि आदेश गुप्ता के सामने पहले से ही गुटबाजी में शुमार सीनियर नेताओं के बीच सामंजस्य बिठाना और सबको साथ लेकर चलना एक बड़ी चुनौती होगी.

पार्टी अध्यक्ष की कमान मिलने के बाद आदेश गुप्ता से भी ये सवाल किया गया था. आजतक से बातचीत में आदेश गुप्ता ने कहा कि वो दिल्ली में संगठन का विस्तार करेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि वो किसी गुट के नहीं हैं, हर चुनौती के लिए तैयार हैं और सबको साथ लेकर चलेंगे.

गौरतलब है कि मनोज तिवारी पर अध्यक्ष रहते हुए सबसे बड़ा आरोप तालमेल के अभाव का था. विधानसभा चुनाव में हार के बाद नेताओं की तरफ से ये आवाज उठी थी कि तिवारी बतौर अध्यक्ष न तो पार्टी के प्रत्याशियों को जीत दिला पाए और ना ही वरिष्ठ नेताओं के साथ मिलकर काम कर पाए.

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बाहरहाल, अब कमान आदेश गुप्ता को मिल गई है. ऐसे में अब जबकि दिल्ली नगर निगम के चुनाव में दो साल से भी कम समय का वक्त है, एक नये चेहरे पर भरोसा जताने का ये प्रयोग बीजेपी के लिए चुनौती भरा भी हो सकता है.

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