
आम आदमी पार्टी को दिल्ली में शासन करते हुए दिल्ली में 8 साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है, ऐसे में फ्री बस सेवा और फ्री बिजली पानी जैसे वादे को आगे करके अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी से 15 सालों से निगम की सत्ता को छीन लिया. वहीं कांग्रेस वक्त के साथ दिल्ली में अपने अस्तित्व को तलाश रही है. मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के तहत बुजुर्गों को तीर्थ पर ले जाया जा रहा था, तो अब बीजेपी केजरीवाल की राह पर चल पड़ी है.
बीजेपी चली आप की राह
बीजेपी बुजुर्गो को निशुल्क तीर्थयात्रा करवाने जा रही है. राजधानी के वरिष्ठ नागरिकों,महिलाओ को तीर्थ यात्रा कराने का बड़ा अभियान गुरुवार को कोंडली में दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा करेंगे. सहयोगी स्वयं सेवी संस्था 'आओ साथ चलें' के साथ मिलकर बीजेपी पहले चरण में चार बसे मथुरा, वृंदावन और गोवर्धन के लिए रवाना होंगी. इसमें दिल्ली के करीब दो सौ तीर्थ यात्री शामिल होंगे.
फ्री तीर्थयात्रा
प्रदेश कोषाध्यक्ष विष्णु मित्तल ने बताया कि यह अभियान निरंतर चलेगा. यात्रा पूरी तरह से निशुल्क होगी. तीर्थयात्रियों के खाने पीने, रहने का सारा इंतजाम संगठन 'आओ साथ चलें' संस्था के माध्यम से सुनिश्चित कराएगा. इच्छुक तीर्थयात्रियों से फॉर्म भरवाए गए हैं. पहली बार दिल्ली के मयूर विहार इलाके से बुजुर्गों और महिलाओं की फ्री तीर्थ यात्रा का प्रोग्राम शुरू हो रहा है. हालांकि अगली बार झुग्गी झोपड़ी से लोगों को तीर्थ यात्रा पर ले जाया जाएगा जिले के पार्षद कार्यकर्ता और नेता तीर्थ यात्रा पर जाने वाले लोगों की पहचान करेंगे.
विष्णु मित्तल ने कहा कि बीजेपी का प्लान आम आदमी पार्टी से अलग है और यह सरकारी नहीं, बल्कि सेवा सप्ताह के तहत किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह उन असमर्थ बुजुर्ग महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए है जो किसी कारणवश तीर्थ यात्रा में नहीं जा सकते. मित्तल ने कहा कि अगली बार झुग्गी बस्ती और कच्ची कॉलोनियों में रहने वाले असमर्थ लोगों को यात्रा पर ले जाया जाएगा.
'रामलला के भी करवाएंगे दर्शन'
बीजेपी सेवा सप्ताह के तहत भोज देती है और और कैंप भी लगाती है लिहाजा दिल्ली बीजेपी ने फ्री तीर्थ यात्रा की सेवा भाव को चुना है. उन्होंने कहा, 'अभी मयूर विहार, आनंद विहार, ओखला से होकर झुग्गी कच्ची बस्ती आदि क्षेत्रों से तीर्थयात्री भेजे जाएंगे. अभी मथुरा वृंदावन गोवर्धन यह यात्रा जा रही है, राम मंदिर बन जाने के बाद रामलला के दर्शन भी करवाए जाएंगे.'
राजनीतिक मायने
बीजेपी भले ही दावा कर रही हो की स्थापना दिवस के दिन प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह से सेवा भाव पर जोर दिया था उसी के तहत यह तीर्थ यात्रा शुरू हुई लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का अलग नजरिया है. वह, यह देखते हैं कि साल 2024 में आम चुनाव तो हैं ही, वहीं साल 2025 में दिल्ली विधानसभा का चुनाव भी होना है. ऐसे में विश्लेषक मानते हैं कि तीर्थ यात्रा करने वाले बुजुर्ग महिलाओं और कच्ची कॉलोनी के तीर्थयात्रियों का आशीर्वाद मिला तो बीजेपी केजरीवाल जैसी चुनौती से दिल्ली में निपटते हुए चुनावी वैतरणी आसानी से पार कर लेगी.