
दिल्ली में इस बार सियासी गर्माहट कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से उपजी आम आदमी पार्टी (AAP) इन दिनों भ्रष्टाचार के ही आरोपों से दो-चार है. सरकार के मंत्रियों और कामकाज को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं और मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी इसे लेकर हमलावर बनी हुई है. ताजा मामला दिल्ली के सरकारी स्कूलों में नए क्लासरूम बनाने में हुए कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है. बीजेपी इस मामले में दिल्ली सरकार की 'क्लास' लेने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती है.
दिल्ली बीजेपी के प्रमुख नेता विजेन्द्र सिंह ने इस बारे में आजतक से एक बातचीत में कहा, 25 जुलाई 2019 को हमने चीफ विजिलेंस कमिशन से शिकायत की थी कि दिल्ली सरकार स्कूलों में जो कमरे बना रही है, उनमे बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हो रहा है.
टेंडर की रकम से 500 करोड़ ज्यादा खर्च
नए कमरे बनाने के लिए दिल्ली सरकार ने 207 स्कूल चुने थे, 195 स्कूल के लिए टेंडर हुआ. लेकिन कमरे बने सिर्फ 141 स्कूल में और इसमें भी टेंडर 800 करोड़ रुपये का निकाला गया था, बाद में 38 करोड़ रुपये और बढ़ गए. जबकि दिल्ली सरकार ने इसी योजना के तहत 500 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च किए जो बिना किसी टेंडर को निकाले ही पास कर दिए गए. अब सवाल ये है कि 838 करोड़ रुपये के टेंडर के लिए दिल्ली सरकार ने 1350 करोड़ रुपए क्यों खर्च किए?
उन्होंने दिल्ली सरकार में मंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के बब्बर एंड बब्बर एसोसिएट से करीबी संबंध होने की बात भी कही. उन्होंने कहा कि बब्बर एंड बब्बर एसोसिएट से दिल्ली सरकार का क्या रिश्ता है? इस पर सरकार ने छुपी साथ रखी है. दरअसल मंत्रियों के करीबी बब्बर एंड बब्बर एसोसिएट के साथ मिलकर सरकार ने 500 करोड़ की ज्यादा पेमेंट की और इसे बिना किसी गारंटी, कंपटीशन और टेंडर के दे दिया गया.
उन्होंने कहा कि सीवीसी ने इस मामले में रिपोर्ट तो फरवरी 2020 में ही दे दी थी. ऐसे में आम आदमी पार्टी, जो लगातार बीजेपी पर केन्द्रीय एजेंसियां के दुरुपयोग का आरोप लगाती है, वो ये बताए कि 2020 में आई इस रिपोर्ट को अब तक सरकार दबा कर क्यों बैठी रही.
दिल्ली सरकार में सीरीज ऑफ करप्शन मौजूद
इस मसले पर बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने भी दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा, ' इस सरकार में सीरीज ऑफ करप्शन मौजूद है. विद्या के मंदिरों को भी इस सरकार ने नहीं छोड़ा है. सीवीसी की रिपोर्ट में इस भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है. 1,315 करोड़ से भी ज्यादा का खर्च किया गया है. सरकार ने कांट्रेक्ट वेल्यू से भी ज्यादा खर्च कर दिया है. वहीं 47 फाइल सीएम ऑफिस से एलजी ऑफिस भेजी गईं, लेकिन उन पर सीएम ने साइन भी नहीं किया है.''
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन पहले ही मनी लॉन्ड्रिंग के एक केस और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया शराब नीति से जुड़े विवाद में CBI रेड का सामना कर चुके हैं.