
Delhi Budget 2022-23: दिल्ली सरकार के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को आठवां बजट पेश किया. इसे दिल्ली सरकार ने 'रोजगार बजट' नाम दिया. बजट में दिल्ली में AAP सरकार का फोकस नौकरियों पर रहा. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज के बजट का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में 20 लाख नई नौकरियां पैदा करना है. यह कोई चुनावी वादा नहीं है, बल्कि बोल्ड और इनोवेटिव बजट में एक बड़ी घोषणा है. हमारा लक्ष्य नौकरियों की संख्या को कम से कम 12% - 33% से बढ़ाकर 45% करना है. इस बजट में दिल्ली के व्यापारी संगठनों ने और आरडब्ल्यूए के लोगों ने तारीफ भी की गई है.
आरडब्ल्यूए फेडरेशन के अध्यक्ष बीएस वोहरा की मानें तो दिल्ली सरकार का रोजगार बजट वाकई बेहतर बजट है. अगर दिल्ली में इतने लोगों को रोजगार मिलता है तो उससे अच्छी बात कोई नहीं है. इसके साथ ही दिल्ली सरकार को एक बजट सिविक मुद्दों पर भी रखना चाहिए जैसे जलभराव, कूड़े के पहाड़ और प्रदूषण. सरकार को इन समस्याओं को हल करना भी जरूरी है.
ग्रेटर कैलाश आरडब्ल्यूए मेंबर राजीव काकरिया के मुताबिक सरकार ने पिछले बजट में शिक्षा हेल्प पर जो वादे किए थे. उस पर काफी इंप्रूवमेंट हुआ है. इस बार की बजट में व्यापारियों के बारे में तो सोचा है लेकिन सड़कों पर अतिक्रमण, प्राइवेट जॉब्स, सड़कों के रीडवलपमेंट कैसे हो इस पर बजट में कुछ खास नहीं है जिस पर काम करने की जरूरत है. दिल्ली को कैसे रहने लायक बनाया जाए इस पर बजट में कुछ होना चाहिए था.
क्या है चांदनी चौक के व्यापारियों की राय
भागीरथ पैलेस मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत आहूजा की मानें तो पहली बार है किसी सरकार ने व्यापारियों के लिए सोचा है. ₹20 करोड़ चांदनी चौक के व्यापारियों के लिए रखा है. व्यापारियों को ध्यान में रखते हुए जो फेस्टिवल ऑर्गेनाइज्ड दिल्ली सरकार कराएगी. वह भी एक शानदार कदम है लेकिन ग्राउंड पर इसको सरकार इंप्लीमेंट कैसे करती है यह देखना होगा.
'व्यापारियों को हताश करने वाला बजट'
ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के अध्यक्ष प्रवीण खंडेलवाल के मुताबिक यह बजट व्यापारियों को हताश करने वाला बजट है. दिल्ली सरकार ने इस बजट में व्यापारियों के लिए कोई योजना की घोषणा नहीं की. साथ ही दिल्ली सरकार ने उन व्यापारियों का ध्यान नहीं रखा जिन्होंने कोविड-19 के दौरान वित्तीय परेशानी से जूझ रहे हैं.