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दिल्ली में स्वतंत्रता सेनानी के गांव में 'जहरीला' तालाब, सब परेशान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता मिशन को दिल्ली में किस तरह पलीता लगाया जा रहा है, उसकी बानगी देखना हो तो छतरपुर विधानसभा का रूख करिए.

जौनापुर गांव का जहरीला तालाब जौनापुर गांव का जहरीला तालाब
राम किंकर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 24 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 2:29 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता मिशन को दिल्ली में किस तरह पलीता लगाया जा रहा है, उसकी बानगी देखना हो तो छतरपुर विधानसभा का रूख करिए. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मंगत राम मार्ग के दायीं तरफ ढ़ाई से तीन एकड़ में फैला जहरीला पानी हरे-भरे पेड़ पौधों को मार चुका है. 'तालाब' के गंदे पानी में मच्छरों की बढ़ती हुई ब्रीड प्रशासन को मुंह चिढ़ा रही है.

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अपनी हरियाली और मन को मोह लेने वाला जौनापुर गांव कभी मनोहारी था, लेकिन जहरीला तालाब इलाके के लिए एक बदनुमा धब्बे की तरह है. हवा चलने पर गंदी बदबू आती है. आसपास रहने वाले लोग परेशान है. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मंगत राम मार्ग पर ही उनके पोते विनोद कुमार ज्ञानकुंज पब्लिक स्कूल चलाते हैं, लेकिन 2004 में स्कूल के खुलने के बाद से ही यहां पर पढ़ने वाले बच्चे बीमार रहते हैं.

स्कूल के अंदर बारिश के वक्त पानी भरने से टीचर स्कूल में पढ़ाने नहीं आ पाते. ज्ञानकुंज पब्लिक स्कूल के मालिक विनोद आर्य ने जल बोर्ड, पीडब्लूडी और दिल्ली सरकार के फ्लड कंट्रोल डिपार्टमेंट से गंदे पानी को निकालने की लड़ाई कई सालों तक लड़ी. सभी विभागो ने निरीक्षण भी किया और एक नाला बनवाकर अपने काम को खत्म होना मान लिया. विनोद आज भी कहते हैं कि स्कूल के मासूम बच्चे सुरक्षित नहीं है.

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अफसरशाही का आलम देखिए लिखित शिकायत के बाद सड़क पर पानी ना आए इसके लिए एक नाला बना दिया गया, लेकिन जगह-जगह टूट जाने से अब भी जहरीला पानी तालाब से बाहर निकल नहीं पाता. जौनापुर गांव निवासी सुबोध ने बताया कि जहरीले, गंदे और बदबूदार पानी की वजह से कई फॉर्महाउस मालिक इस इलाके को छोड़ने का मन बना रहे हैं.

गंदा, बदबूदार और जहरीला पानी करीब ढ़ाई से तीन एकड़ में फैला है. गांव के लोग बताते हैं कि इसमें ज्यादातर गांव की मिलकियत है और बाकी ग्राम सभा की जमीन. गांव के कई प्रमुख तालाबों पर पंचायत और बारात घर बनने से वो खत्म हो गए. कमाल देखिए स्कूल मालिक की शिकायत पर पीडब्लूडी, एमसीडी और बाढ़ नियंत्रण विभाग कई बार निरीक्षण कर चुका है लेकिन कोई समाधान नहीं किया.

जौनापुर ग्रामीण एकता विचार मंच के फाउंडर मेंबर सुखबीर सिंह ने कहा कि राजनीतिक और प्रशासनिक इच्छा शक्ति नहीं है, वरना इस गंदे पानी को ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर मांडी, आर्यानगर के रिज एरिया में पेड़ों की सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जा सकता था.

छतरपुर विधानसभा के विधायक करतार सिंह तंवर ने कहा कि कई बार अधिकारियों से बात की. कुछ नहीं हो पाया. इस बारिश के बाद इलाके में गहरा नाला बनवाएंगे. इलाके के सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि मौके को देखने के बाद ही कुछ कह पाएंगे.

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