
दिल्ली में सर्किल रेट बढ़ सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो प्रॉपर्टी के दाम भी बढ़ जाएंगे. एजेंसी के मुताबिक कुछ चुनिंदा पॉश कॉलोनियों और वाणिज्यिक इलाकों में सर्किल रेट 30 फीसदी तक बढ़ सकता है. वहीं जहां दरें पहले से ही बहुत अधिक हैं, वहां कम भी हो सकता है. दिल्ली के ज्यादातर इलाकों के लिए सर्किल दरों में संशोधन मामूली होगा. एजेंसी के मुताबिक इस संबंध में तैयार की गई रिपोर्ट राजस्व मंत्री के कार्यालय को सौंप दी गई है. नई दरें दिल्ली सरकार की मंजूरी के बाद लागू होंगी.
इलाकों को 8 श्रेणियों में बांटा गया
दिल्ली में संपत्तियों की सर्किल दरें नगरपालिका क्षेत्रों के हिसाब से आठ श्रेणियों ए से एच तक बांटी गई हैं. इन श्रेणियों को बुनियादी ढांचे के विकास और वहां प्रचलित वाणिज्यिक दर के आधार पर बांटा गया है.
पिछली बार 2014 में बढ़ा था रेट
दिल्ली सरकार ने आखिरी बार 2014 में सर्कल रेट या जमीन और अचल संपत्ति की आधिकारिक दरों को संशोधित किया था. नया प्रस्ताव 2020 में कैबिनेट के सामने रखा जाना था लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसमें देरी हो गई.
2021 में सरकार ने घटाए थे रेट
एजेंसी के मुताबिक जून 2021 में घर खरीदारों को राहत देने के लिए सरकार ने सभी श्रेणियों की प्रॉपर्टीज के लिए सर्किल रेट 20 फीसदी तक घटा दिए थे. कोरोना महामारी से प्रभावित रिएल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट भी देना था. इस राहत को जून 2022 तक बढ़ाया गया है. उसके बाद नया सर्किल रेट लागू किया जा सकता है.
क्या होता है सर्किल रेट
जिला प्रशासन शहर में जमीन और दूसरी संपत्तियों के लिए एक मानक रेट तय करता है. यह रेट ऐसा होता है जिससे कम में जमीन की खरीद-बिक्री की रजिस्ट्री नहीं होती है, इसे ही सर्किल रेट कहते हैं.