
दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि सरकार ने यह सुनिश्चत करने का निर्णय लिया है कि शहरी लोगों को जारी पानी का बिल, पिछले महीने के बिल की राशि के डेढ़ गुना से अधिक नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि जल मंत्री और दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के अध्यक्ष सत्येंद्र जैन ने गुरुवार को बोर्ड की राजस्व प्रबंधन प्रणाली को मजबूत करने के लिए डीजेबी के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है.
मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि डीजेबी ने बिलिंग प्रणाली में संशोधित करते हुए कहा कि अब आपका बिल पिछले महीने के बिल से डेढ़ गुना से अधिक नहीं हो सकता है. यदि यह इसे पार करता है, तो ग्राहक को स्पष्टीकरण प्रदान किया जाएगा और वह इसके लिए शिकायत कर सकता है.
बाद में डीजेबी ने एक बयान जारी किया. बयान में सत्येंद्र जैन के हवाले से कहा गया कि हम बिलिंग सिस्टम में पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित करेंगे. जिसके लिए हर बिलिंग साइकिल के बाद मीटर रीडर्स बदला जाएग. यानी जो मीटर रीडर इस बार आपके घर मीटर रीडिंग करने के लिए आएगा, अगले महीने उसके जगह किसी और को भेजा जाएगा.
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली जल बोर्ड को किसी भी गलती के लिए जवाबदेह और जिम्मेदार ठहराया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि अधिकारियों को कुछ शिकायतें भी मिली हैं जिसमें मीटर रीडर या तो वर्तमान मीटर रीडिंग की तस्वीर अपलोड नहीं करते हैं या एक अस्पष्ट तस्वीर अपलोड करते हैं. जब तक कोई उपभोक्ता इसके बारे में शिकायत दर्ज नहीं करता तब तक इस प्रक्रिया की कोई जांच नहीं होती है. अधिकांश उपभोक्ता अपने बिलों को सही मानते हुए भुगतान करते हैं और दो महीने के बिलिंग पैटर्न में बदलाव को महसूस नहीं करते हैं.
पारदर्शिता बढ़ाने और बिलिंग प्रणाली में विसंगितियों पर नजर रखने पर जोर
सत्येंद्र जैन ने आगे कहा कि अधिकारियों के साथ डीजेबी अध्यक्ष की महत्वपूर्ण बैठक में इस तरह के मुद्दे सामने आए और गलत बिल निर्माण की इस प्रक्रिया को रोकने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए गए. अगर खपत का अंतर पिछले बिल की तुलना में 50 फीसदी से अधिक या कम है तो एक मीटर रीडर टैबलेट से बिलिंग रोकने के लिए स्वचालित सिस्टम जांच की जाएगी. ऐसे मामले में बिल केवल जोनल राजस्व कार्यालय देगा. यह कदम रीडिंग बिलों पर रोक लगाएगा.
राजस्व अधिकारियों के दैनिक रैंडम मीटर रीडिंग इमेज ऑडिट डीजेबी अध्यक्ष के लिए गए ऐतिहासिक निर्णय की मुख्य विशेषताओं में से एक है. इस कदम से पारदर्शिता बढ़ेगी और बिलिंग प्रणाली में किसी भी तरह की विसंगतियों पर नजर रखी जा सकेगी. इससे मौजूदा बिलिंग प्रणाली से संबंधित सभी खामियों को भी दूर किया जा सकेगा. विभाग अपने विजिलेंस सिस्टम को मजबूत करेगा. अधिकारियों ने कहा कि मीटर रीडिंग की गलत तस्वीरों के मामले में मीटर निरीक्षक साइट का दौरा करेंगे और तस्वीरों की दोबारा जांच करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि मीटर रीडर द्वारा तस्वीरों को ठीक से लिया गया है.
साथ ही यह कहा गया है कि गलत इमेज फीडिंग संबंधित मीटर रीडर्स के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की मांग करेगी. इस बिलिंग में 100 फीसदी सटीकता सुनिश्चित करने वाली एक मजबूत प्रणाली लाएगा. बयान में यह कहा गया है कि वर्तमान में डीजेबी के 41 क्षेत्रों में लगभग 26.50 लाख उपभोक्ताओं की रीडिंग लेने वाले लगभग 900 मीटर रीडर हैं. इनमें से लगभग 18 लाख उपभोक्ता मुफ्त पानी योजना के तहत शून्य बिल का लाभ उठाते हैं.
आगे कहा गया कि मीटर रीडर के लिए रोटेशन सिस्टम बिलिंग सिस्टम को मजबूत और पारदर्शी बनाने में भी मदद करेगा. इसे सिस्टम में किसी भी तरह की खामियों से बचने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जाएगा. इस सिस्टम में हर बिलिंग साइकल में मीटर रीडर्स बदले जाएंगे. यह प्रणाली के सुचारू कामकाज को बढ़ावा देगा और इसमें शामिल किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को समाप्त करेगा. कहा गया कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने भ्रष्टाचार को खत्म करने और मौजूदा व्यवस्था में मौजूद खामियों को हल करने के लिए उठाया गया एक बहुत बड़ा और क्रांतिकारी कदम है. यह दिल्ली के लोगों के लिए एक सुगम और पारदर्शी बिलिंग प्रणाली प्रदान करने में भी मदद करेगा.