
दिल्ली हाई कोर्ट ने पिछले महीने सीएम अरविंद केजरीवाल के घर पर हुए हमले के मामले में दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर नाराजगी जताई है. कोर्ट ने कहा कि सीएम के आवास की सुरक्षा को फेल करते हुए तोड़फोड़ करना परेशान करने वाली स्थिति है. कोर्ट ने AAP विधायक सौरभ भारद्वाज की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के आवास के बाहर सुरक्षा व्यवस्था अपर्याप्त थी. कोर्ट ने पुलिस की नाकामी पर नाराजगी जाहिर करते हुए दिल्ली पुलिस आयुक्त को इस गंभीर चूक के लिए जिम्मेदारी तय करने का निर्देश दिया है.
'SC जज के घर पर भी हो सकता है हमला'
कोर्ट ने कहा, 'किसी भी संवैधानिक पदाधिकारी के आवास पर ऐसी घटना हो रही है फिर चाहे वह मुख्यमंत्री ही क्यों न हो, वह हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का जज और कोई केंद्रीय मंत्री भी हो सकता है. यह बहुत ही चिंताजनक स्थिति है कि इस तरह की घटना हो जाती है या ऐसे बदमाश अपने इरादों में सफल हो जाते हैं.
'साफ दिख रहा कि लापरवाही हुई'
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि यह बिल्कुल साफ है कि लापरवाही हुई है. हम चाहते हैं कि पुलिस आयुक्त दो पहलुओं पर गौर करें. पहला कि पुलिस की ओर से यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसा नहीं होना चाहिए था और दूसरा कि बदमाशों के बारे में. कोर्ट ने कहा कि आप कहते हैं कि आपने कुछ गिरफ्तारियां की हैं. यह एक न्यायिक कार्रवाई है और हम इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहते लेकिन आपको पुलिस द्वारा की गई चूकों पर गौर करना चाहिए.
लोगों को रोका गया लेकिन वे किनारे से आ गए
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) संजय जैन ने कोर्ट को बताया कि वायरलेस संदेश था, सुरक्षा बल मौजूद था, वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया गया लेकिन लोग किनारे से आ गए. मैं यह नहीं कह रहा हूं कि कोई उल्लंघन नहीं हुआ. बंदोबस्त इसलिए किया गया क्योंकि प्रदर्शन की अनुमति न देने की सूचना थी. पुरुष अधिकारियों की एक कंपनी और महिला अधिकारियों की एक कंपनी की मांग की गई थी.
'सीएम आवास की सड़क नहीं कर सकते थे ब्लॉक'
एएसजी संजय जैन ने कहा कि सीएम का आवास सड़क पर है. यह चलने वाली मुख्य सड़क है. सड़क को ब्लॉक न करते हुए बैरिकेडिंग के जरिए सुरक्षा की बेहतर व्यवस्था की गई थी फिर भी हम जांच करेंगे कि यह कैसे हुआ. इस पर दिल्ली कोर्ट ने पुलिस से पूछा कहा कि हम निश्चित रूप से बंदोबस्त से संतुष्ट नहीं हैं. आपने स्वीकार किया कि A, फिर B और C बिंदु पर बैरिकेड्स तोड़ दिए गए, पुलिस ऐसा कैसे कह सकती है?
'हमें नहीं दी गई स्टेटस रिपोर्ट, SIT जांच हो'
आम आदमी पार्टी की तरफ से पक्ष रखते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, 'हमारे पास स्टेटस रिपोर्ट नहीं है. इस तरह के मामले में संबंधित लोगों के साथ जानकारी को साझा किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने कई अन्य मामलों में एसआईटी के आदेश दिए हैं, यह राजनीति की बात नहीं है. इस मामले में भी एसआईटी जांच होनी चाहिए.'
यह है पूरा मामला
अरविंद केजरीवाल के घर पर पिछले महीने हमला हो गया था. इस दौरान आवास के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों और बैरिकेड को तोड़ दिया गया था. आम आदमी पार्टी का आरोप है कि केजरीवाल के खिलाफ उनके आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने ये तोड़फोड़ की. युवा मोर्चा के कार्यकर्ता द कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर केजरीवाल के विधानसभा में दिए बयान का विरोध कर रहे थे.