अरविंद केजरीवाल को मिलनी चाहिए सजा: मनोज तिवारी

मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल बाबा साहब अम्बेडकर के संविधान को नहीं मानते हैं और इसलिए हमेशा संविधान को तोड़ते रहते हैं। तिवारी ने कहा कि जिस धरने को अरविंद केजरीवाल अपना हथियार बनाने की कोशिश कर रहे थे उसपर हाइकोर्ट ने जो टिप्पणी की है वो बेहद गम्भीर है.

Advertisement
मनोज तिवारी मनोज तिवारी

रणविजय सिंह / रवीश पाल सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 18 जून 2018,
  • अपडेटेड 5:50 PM IST

दिल्ली हाइकोर्ट ने सोमवार को अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रियों के धरने पर तल्ख टिप्पणी की है. इसके बाद विपक्षी दल BJP ने केजरीवाल पर जमकर हमला बोला है. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष और उत्तर पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने हाइकोर्ट की टिप्पणी के बाद कहा कि अब अरविंद केजरीवाल को उनके किए की सज़ा मिलनी चाहिए. तिवारी ने अरविंद केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट की ये अरविंद केजरीवाल के खिलाफ 30वीं तल्ख टिप्पणी है. लेकिन इसके बावजूद केजरीवाल खुद को बदलने को तैयार नहीं हैं.  

Advertisement

मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल बाबा साहब अम्बेडकर के संविधान को नहीं मानते हैं और इसलिए हमेशा संविधान को तोड़ते रहते हैं. तिवारी ने कहा कि जिस धरने को अरविंद केजरीवाल अपना हथियार बनाने की कोशिश कर रहे थे उसपर हाइकोर्ट ने जो टिप्पणी की है वो बेहद गम्भीर है. इसके लिए अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रियों को सज़ा मिलनी चाहिए. मनोज तिवारी ने एयर कंडीशनर में बैठ कर धरना देने पर भी व्यंग कसा और कहा कि 'दिल्ली की जनता त्रस्त है और ये AC में मस्त है.'

आपको बता दें कि हाइकोर्ट ने सोमवार को कहा कि 'दिल्ली की जनता पानी के लिए परेशान है और सीएम धरना दे रहे हैं?'  इसपर मनोज तिवारी ने कहा कि "पानी को लेकर जो टिप्पणी की है कोर्ट ने वो बहुत महत्वपूर्ण है और लगता है कि दिल्ली के लोग अब राहत की सांस लेंगे".

Advertisement

अफसरों से सीएम द्वारा उनकी सुरक्षा की गारंटी लेने वाली अपील पर भी मनोज तिवारी ने कहा कि 'केजरीवाल के खाने के दांत कुछ और हैं जबकि दिखाने के दांत कुछ और हैं.'

आपको बता दें कि केजरीवाल को धरने से उठाने के लिए लगाई गई याचिका पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने सोमवार को कहा, 'दिल्ली में बिजली पानी और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को लेकर दिल्ली के लोग परेशानियों से घिरे हुए हैं, लेकिन सीएम अपने मंत्रियों के साथ धरने पर हैं.' हाइकोर्ट ने कहा कि 'धरना ख़त्म होना चाहिए क्योंकि लोगों के मौलिक अधिकार प्रभावित हो रहे हैं, नेताओं के लिए कोई गाइडलाइन तय होनी चाहिए.'

हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता और दिल्ली सरकार को पूछा कि हम समझ नहीं पा रहे हैं कि ये धरना हैं या हड़ताल. और ये ख़ुद के द्वारा तय किया गया है कि इसके लिए कोई अनुमति ली गयी है. कोर्ट ने पूछा कि अगर ये ख़ुद व्यक्तिगत रूप से तय किया गया (केजरीवाल और मंत्रियों द्वारा) फ़ैसला है ये एलजी के घर के बाहर होना चाहिए था. क्या एलजी के घर के अंदर ये धरना करने के लिए इजाजत ली गयी है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement