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नासा की तस्वीर जारी कर CM केजरीवाल बोले- प्रदूषण पर राजनीति नहीं, साफ नीयत की जरूरत

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में जल रही पराली ने ही उत्तर भारत की हवा को प्रदूषित किया. नासा की तरफ से जारी तस्वीरों से इसकी पुष्टि होती है.

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 17 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 11:13 PM IST

  • केजरीवाल सरकरा ने लागू की थी ऑड-ईवन योजना
  •  CM बोले- पराली ने ही उत्तर भारत को प्रदूषित किया

दिल्ली में बेहतर होती हवा को लेकर आम आदमी पार्टी सरकार ने नासा की तस्वीरें जारी की हैं. तस्वीरों के माध्यम से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि पराली न जलने की वजह से दिल्ली की हवा साफ हुई है. दिल्ली सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए 4 नवंबर से 15 नवंबर तक ऑड-ईवन योजना भी लागू की थी.

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दिल्ली सरकार द्वारा जारी बयान में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 'कुछ लोग कह रहे थे दिल्ली की हवा में केवल 5 फीसद ही फसलों का प्रदूषण है तो क्या केवल 5 प्रतिशत प्रदूषण कम होने से एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 से ज्यादा से 200 से कम हो गया? उन्होंने यह भी कहा कि प्रदूषण पर राजनीति नहीं, साफ नीयत से सबको मिलकर काम करने की जरूरत है. आगे केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के हलफनामे का जिक्र भी किया.

उन्होंने कहा कि पिछले दिनों केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि दिल्ली के प्रदूषण में पराली का योगदान 5 प्रतिशत ही है. हालांकि, दिल्ली में इस तरह को कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे यह साफ हो सके कि प्रदूषण में किस चीज का कितना योगदान है.

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दूसरे राज्यों में जल रही पराली से बढ़ा प्रदूषण

केजरीवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में जल रही पराली ने ही उत्तर भारत की हवा को प्रदूषित किया. नासा की तरफ से जारी तस्वीरों से इसकी पुष्टि होती है. जिसमें साफ है कि जिस तरह पराली जलने की घटनाएं बढ़ी, उसी लिहाज से उत्तर भारत की हवा भी प्रदूषित होती चली गई. नासा की तरफ से जारी ताजा तस्वीरों में पराली जलना कुछ कम हुआ है. इसी कारण दिल्ली समेत उत्तर भारत की हवा में भी प्रदूषण कम हुआ था. 

9 अक्टूबर तक साफ थी दिल्ली की हवा  

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा 9 अक्टूबर तक दिल्ली की एयर क्वालिटी संतोषजनक थी. अचानक 10 अक्टूबर से दिल्ली की एयर क्वालिटी खराब, बेहद खराब और फिर खतरनाक कैटेगरी में आना चालू हो गई.  दिल्ली में इंडस्ट्री का भी प्रदूषण है, गाड़ियों का भी प्रदूषण है, धूल मिट्टी का भी प्रदूषण है. इन सारी चीजों का प्रदूषण मिला कर भी 9 अक्टूबर तक का डाटा दिखाता है की एयर क्वालिटी इंडेक्स 90 से लेकर 130 था.

                                                                                                                                                                                                     9 अक्टूबर तक दिल्ली की हवा संतोषजनक स्थिति में थी. अचानक 10 अक्टूबर से एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 के ऊपर पार कर गए. नासा की तस्वीरें दिखाती हैं की 10 अक्टूबर से ही पराली जलने के लाल धब्बे तस्वीरों में आने शुरू हो गए. इससे साफ है कि वर्तमान प्रदूषण के लिए पराली जलना ही जिम्मेदार है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद अगर पड़ोसी राज्य पराली जलाना बंद नहीं कर रहे तो दिल्ली के लोग आखिर क्यों तकलीफ झेलें और कब तक झेलें.

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