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CM केजरीवाल बोले- ऑड-इवन ने साबित कर दिया धरना पार्टी नहीं है AAP

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी पर उठ रहे सवालों का जवाब दिया है. उन्होंने ऑड-इवन स्कीम के ट्रायल को सफल बताते हुए कहा कि इसने साबित कर दिया आप कोई धरना पार्टी नहीं है.

अरविंद केजरीवाल अरविंद केजरीवाल
विकास वशिष्ठ
  • नई दिल्ली,
  • 12 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 4:19 PM IST

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने आलोचकों का मुंह बंद करने वाला दावा किया है. उन्होंने कहा है कि ऑड-इवन फॉर्मूले ने यह साबित कर दिया कि आप कोई धरना पार्टी नहीं है. यह स्कीम बताती है कि आम आदमी पार्टी गवर्नेंस दे सकती है.

'ऑड-इवन से ये दो बातें साबित'
केजरीवाल ने अंग्रेजी अखबार द टइम्स ऑफ इंडिया में लिखे लेख में यह बात कही है. उन्होंने लिखा है कि 'देश के लोगों में मेरा भरोसा सही साबित हुआ. ऑड-इवन स्कीम की सफलता से दो बातें साबित होती हैं. एक- इस देश के लोग महान हैं. आप उन पर भरोसा करो और वे आपको कुछ भी हासिल करा देंगे. और दूसरा- आप सरकार गवर्नेंस देने में सक्षम है.'

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...तो 15 जनवरी के बाद रुक जाएगी स्कीम
केजरीवाल ने 15 जनवरी के बाद ऑड-इवन स्कीम पर तस्वीर साफ करने की कोशिश की है. उन्होंने कहा है कि मेरा निजी सुझाव है कि कुछ समय के लिए 15 जनवरी के बाद यह स्कीम रोक दी जानी चाहिए, ताकि हमें भी बीते 15 दिनों के अनुभव को महसूस करने और उसका विश्लेषण करने का वक्त मिले. हम बाद में इसे और बेहतर तरीके से लागू कर सकते हैं.

चाय की थड़ी पर कोसना आसान
केजरीवाल ने कहा कि हमारे देश में चाय पर बैठकर खुद को कोसना आम बात है. हम सिंगापुर, ब्रिटेन, जापान, अमेरिका जैसे देशों की बातें करते हैं कि वहां की सड़कें कितनी साफ रहती हैं. लोग ट्रैफिक रूल्स फॉलो करते हैं. इसके बाद हम भारतीयों को कोसने लगते हैं कि हम लोगों में सिविक सेंस है ही नहीं.

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फर्स्ट क्लास लोग, थर्ड क्लास गवर्नेंस
केजरीवाल ने लिखा है कि मैं यह हमेशा से कहता रहा हूं कि जब यही भारतीय दूसरे देश जाते हैं तो हर क्षेत्र में बेहतरीन परफॉर्मेंस देते हैं. मेरा माना है कि भारतीय लोग फर्स्ट क्लास हैं, लेकिन गवर्नेंस थर्ड क्लास. सही सिस्टम और एक ईमानदार नेतृत्व मिले तो भारतीयों में वो क्षमता है कि अजूबा रच दें.

ऐसे बनाई और लागू की स्कीम
केजरीवाल ने लिखा है कि यह स्कीम कुछ लोगों ने किसी बंद कमरे में बैठकर नहीं बनाई. बहुत से पब्लिक डिबेट हुए. सोसायटी से सुझाव आए. हमने सभी अच्छे सुझावों को शामिल किया और लोगों को सेहत के लिए जागरूक किया. हमने ईमानदारी से इसे लागू किया.

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