
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ दाखिल आपराधिक मानहानि के मामले में सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल और आतिशी को फिलहाल राहत देते हुए मामले की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी है.
जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ ने केजरीवाल और आतिशी को राहत देते हुए शिकायतकर्ता बीजेपी नेता राजीव बब्बर को नोटिस जारी किया है और उन्हें इस नोटिस का जवाब देने के लिए तीन हफ्ते का वक्त दिया है. शीर्ष अदालत में अब इस मामले की सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी.
आतिशी और केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा कि मानहानि का मामला भाजपा दिल्ली के अधिकृत प्रतिनिधि के रूप में बब्बर ने दायर किया है.
उन्होंने कहा, "बीजेपी, न तो केंद्र और न ही दिल्ली, ने कोई शिकायत दर्ज नहीं की है. राजीव बब्बर वह व्यक्ति नहीं है, जिसे मैंने कथित तौर पर बदनाम किया है. सिंघवी ने अदालत में शशि थरूर के मामले का हवाला दिया जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि के मामले मे चल रही निचली अदालत की सुनवाई पर रोक लगा दिया था.
वहीं, बब्बर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सोनिया माथुर ने कहा कि भाजपा नेता ने पार्टी की ओर से मामला दायर किया है और ये मामला शशि थरूर के मामले से अलग है.
दरअसल, अग्रवाल समाज के वोटरों के नाम बड़े पैमाने पर वोटिंग लिस्ट से काटने वाली कथित टिप्पणी से जुड़े केजरीवाल और आतिशी के बयान पर राजीव बब्बर ने आपराधिक मानहानि मामला दर्ज कराया था. इस मामले में केजरीवाल और आतिशी को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली थी. इसके बाद दोनों नेताओं ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल कर चुनौती दी थी, जिसपर अब अदालत ने मामले की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी है.
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में केजरीवाल और आतिशी को राहत देने से इनकार करते हुए ट्रायल कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया था. वहीं, केजरीवाल और आतिशी को निचली अदालत ने समन जारी कर 3 अक्टूबर को पेश होने का निर्देश दिया था.