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दिल्ली में जनवरी-फरवरी जैसे ठंडे महीनों में भी डेंगू के केस सामने आ रहे हैं. इसी को लेकर दिल्ली हाइकोर्ट ने सिविक एजेंसियों को कड़ी फ़टकार लगाते हुए एक्शन रिपोर्ट तलब की है. याचिकाकर्ता और वकील अर्पित भार्गव ने कोर्ट को बताया कि अभी भी सिविक एजेंसीज संवेदनशील नहीं हैं, उनके रवैये में कोई बदलाव नहीं आया है.
दिल्ली की सिविक एजेंसियों को हाई कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि डेंगू के दिल्ली में 5 नए मामले सामने आए हैं. जब फरवरी में ये हाल है तो फिर जुलाई में आपसे क्या उम्मीद की जा सकती है. क्या सरकार और सभी सिविक एजेंसी साथ मिलकर काम नहीं कर सकती?
दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी सिविक एजेंसियो से स्टेटस रिपोर्ट मांगी. कोर्ट ने कहा है कि आप हमें अपनी स्टेटस रिपोर्ट में यह बताइए कि आप लोग कर क्या रहे हैं, जब मीडिया को पता है कि दिल्ली मे डेंगू के केस रिपोर्ट हो रहे हैं तो इसकी जानकारी आपको क्यों नहीं है?
साथ ही कोर्ट ने वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर दिल्ली की सभी एमसीडी को निर्देश दिया है कि वह आम लोगों के बीच में जागरूकता फैलाएं जिससे दिल्ली में कूड़े-कचरे को लेकर लोगों में संवेदनशीलता हो कि कहां कूड़ा फेंकना है और कहां नहीं. साथ ही एमसीडी यह भी बताएं कि अगर कूड़े का निस्तारण लोगों ठीक नहीं किया तो उन्हें जुर्माना भी भरना पड़ेगा. 27 फ़रवरी को दिल्ली हाईकोर्ट में अगली सुनवाई होगी.