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दिल्ली में अब डॉक्टर के पर्चे के बिना हो सकेगा कोविड टेस्ट, जानें नए नियम

अब तक कोरोना टेस्ट कराने के लिए किसी भी व्यक्ति को पहले डॉक्टर से लिखवाना पड़ता है. डॉक्टर की पर्ची के बिना कोरोना का RT-PCR टेस्ट नहीं किया जाता है. लेकिन नए नियम के तहत अब टेस्ट के लिए डॉक्टर के लिखने की जरूरत नहीं होगी. 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 4:34 PM IST
  • दिल्ली में अब कोरोना की ऑन डिमांड टेस्टिंग
  • नहीं होगी डॉक्टर से लिखवाने की जरूरत
  • कोई भी सीधे लैब जाकर करा सकता है टेस्ट

आईसीएमआर की नई गाइडलाइंस के बाद दिल्ली में कोरोना वायरस मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच टेस्टिंग नियमों में बदलाव किए गए हैं. ऑन डिमांड टेस्टिंग के लिए दिल्ली सरकार ने आदेश जारी कर दिया है. इस आदेश के बाद अब कोरोना टेस्ट कराने के लिए प्रिस्क्रिप्शन की जरूरत नहीं होगी. इसका मतलब है कि अब दिल्ली में कोई भी कोरोना टेस्ट करा सकता है.

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माना जा रहा है कि इससे कोरोना लक्षण आने पर टेस्ट कराने में लोगों को आसानी होगी. दिल्ली हाई कोर्ट ने इससे जुड़ा आदेश भी दे दिया है. 

राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस पर काफी हद तक कंट्रोल किया गया था, लेकिन बीते कुछ हफ्तों में मरीजों का ग्राफ बढ़ रहा है. दिल्ली सरकार का कहना है कि केस बढ़ने का कारण जहां ज्यादा टेस्टिंग है, वहीं लोगों की लापरवाही भी देखने को मिली है. 

दिल्ली सरकार लगातार कोरोना पर काबू पाने की दिशा में हर मुमकिन प्रयास करने के दावे कर रही है. इसी कड़ी में सरकार ने कोरोना की ऑन डिमांड टेस्टिंग का फैसला भी किया है. इससे जुड़ी गाइडलाइंस आईसीएमआर ने जारी की थी, और इस गाइडलाइन को लागू करने वाला दिल्ली पहला राज्य बन गया है. दिल्ली हाई कोर्ट ने भी टेस्टिंग से जुड़े मसले पर हरी झंडी दे दी है. 

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क्या होेंगे बदलाव

- अब तक कोरोना टेस्ट कराने के लिए किसी भी व्यक्ति को पहले डॉक्टर से लिखवाना पड़ता था. डॉक्टर की पर्ची के बिना कोरोना का RT-PCR टेस्ट नहीं किया जाता था. लेकिन नए नियम के तहत अब टेस्ट के लिए डॉक्टर के लिखने की जरूरत नहीं होगी. 

- अगर किसी व्यक्ति को लगता है कि उनके अंदर कोरोना के लक्षण पनप रहे हैं तो वो सीधे अपना कोरोना RT-PCR टेस्ट करा सकता है. 

- अब कोरोना टेस्ट कराने के लिए डॉक्टर की पर्ची आवश्यक नहीं होगी, कोई भी व्यक्ति सिर्फ अपना आधार कार्ड दिखाकर टेस्ट करा सकता है.

- किसी भी सरकारी या प्राइवेट लैब में जाकर कोई भी व्यक्ति अब टेस्ट करा सकता है. 

दिल्ली हाई कोर्ट ने भी दिया आदेश
इस मसले पर 8 सितंबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने कोरोना से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई के दौरान आदेश दिया है कि अब कोरोना के लिए होने वाले आरटी पीसीआर टेस्ट के लिए डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन को टेस्ट कराते वक्त दिखाना अनिवार्य नहीं होगा. इसके साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट ने प्राइवेट लैब को भी 2000 कोरोना के टेस्ट हर रोज करने की इजाजत दे दी है.

हाई कोर्ट ने आदेश में कहा है कि कोई भी व्यक्ति जिसके पास अपना आधार कार्ड है और उस पर दिल्ली के घर का पता दिया गया है, वह कोरोना के लिए होने वाले आरटी पीसीआर टेस्ट का फॉर्म भर के आरटी पीसीआर टेस्ट करा सकता है. इस फॉर्म को भरते समय आईसीएमआर द्वारा जो जानकारियां कोरोना टेस्ट के लिए मांगी गई हैं, वो व्यक्ति को फॉर्म में भरनी होंगी.

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सीएम केजरीवाल भी कर चुके हैं फैसला
टेस्टिंग को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 8 सितंबर को अपने एक ट्वीट में लिखा था कि मैंने आज सुबह ही स्वास्थ्य मंत्री को निर्देश दिए हैं कि टेस्टिंग के लिए डॉक्टर के प्रेसक्रिप्शन नहीं मांगना चाहिए. कोई भी व्यक्ति खुद ही टेस्ट करा सकते हैं. 

दरअसल, अरविंद केजरीवाल के इस रुख से पहले इसी हफ्ते ICMR ने नई गाइडलाइंस जारी की थीं. आईसीएमआर ने कहा है कि अगर कोई व्यक्ति खुद अपना टेस्ट कराना चाहते हैं (टेस्टिंग ऑन डिमांड) तो उनके लिए राज्य सरकारों को नियम तय करने चाहिए. इसी के बाद केजरीवाल ने टेस्टिंग ऑन डिमांड को लेकर निर्देश दिए.

बता दें कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण की दर 10 से ऊपर चली गई है. 8 सितंबर को जारी आंकड़ों के मुताबिक, 24 घंटे में 45,797 टेस्ट किए गए, इनमें आरटीपीसीर टेस्ट की संख्या 9944, और एंटीजन टेस्ट की संख्या 35,853 थी. हालांकि, फिलहाल दिल्ली में RT-PCR टेस्टिंग की क्षमता 14000 हजार है और 64 लेब्रोरेटरीज में सैंपल भेजे जाते हैं जिनमें सरकार और प्राइवेट दोनों ही लैब शामिल हैं. 

 

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