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वक्फ बोर्ड केस: अमानतुल्लाह खान समेत 11 आरोपियों को समन, 23 नवंबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश

राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में नियमों के विरुद्ध हुई भर्तियों के आरोप में आप विधायक अमानतुल्लाह खान समेत 11 आरोपियों को समन जारी किया है. इन सभी आरोपियों को 23 नवंबर को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है.

आप विधायक अमानतुल्लाह खान (फाइल फोटो) आप विधायक अमानतुल्लाह खान (फाइल फोटो)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 06 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:19 AM IST

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 2016 में दिल्ली वक्फ बोर्ड में नियमों के विरुद्ध हुई भर्तियों के आरोप में आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को समन जारी किया है. कोर्ट ने CBI की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए समन जारी किया है.  

राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में नियमों के विरुद्ध हुई भर्तियों के आरोप में आप विधायक अमानतुल्लाह खान समेत 11 आरोपियों को समन जारी किया है. इन सभी आरोपियों को 23 नवंबर को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है. कोर्ट ने कहा कि सभी आरोपियों लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश के तहत भ्रष्टाचार के लिए कार्यवाही आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त आधार हैं. 

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दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत पद के दुरुपयोग से जुड़े आरोपों के दायरे में सिर्फ अमानतुल्लाह खान और महबूब आलम हैं. CBI ने आरोप लगाया कि अमनातुल्लाह खान ने अन्य आरोपियों के साथ आपराधिक साजिश के तहत वक्फ बोर्ड के सीईओ और अन्य पदों पर अनुबंध आधार पर नियुक्ति की, जो कानून के खिलाफ और मनमाना कृत्य माना गया था. 

बीते जुलाई महीने में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आप विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ सीबीआई को मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी. सीबीआई ने इसी साल मई में अमानतुल्लाह खान पर मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी. 

क्या है पूरा मामला? 

दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के एसडीएम (मुख्यालय) ने नवंबर 2016 में वक्फ बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. अमानतुल्लाह खान पर आरोप लगाया गया था कि बोर्ड के कई स्वीकृत और गैर-स्वीकृत पदों पर मनमाने और अवैध तरीके से नियुक्तियां कीं. 

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सीबीआई को जांच में क्या मिला? 

एसडीएम की शिकायत पर सीबीआई ने केस दर्ज किया था. जांच के दौरान सीबीआई को खान के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत मिले थे. न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि खान ने महबूब आलम के साथ मिलकर अपने पद का दुरुपयोग किया, जानबूझकर नियमों की अनदेखी की और भर्ती प्रक्रियाओं में हेरफेर कर मनमाने ढंग से अपने चहेतों की नियुक्ती की. इससे सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा. 

सीबीआई ने जांच में ये भी पाया कि अगर भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष होती, तो योग्य लोगों को रोजगार मिल सकता था. इस आधार पर सीबीआई ने खान और आलम के खिलाफ प्रिवेन्शन ऑफ करप्शन एक्ट और आईपीसी की धारा 120-B (आपराधिक साजिश) के तहत केस दर्ज करने की मंजूरी मांगी थी. 

फंसते जा रहे हैं अमानतुल्लाह खान! 

अक्टूबर 2020 में राजस्व विभाग ने मार्च 2016 से मार्च 2020 के बीच का ऑडिट किया था. इस दौरान खान वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष थे. इस ऑडिट रिपोर्ट में राजस्व विभाग ने 'अनियमितताएं' होने का आरोप लगाया था. इसके अलावा, इसी साल मार्च में बोर्ड के 7 में से 4 सदस्यों ने भी तत्कालीन एलजी अनिल बैजल के सामने खान के खिलाफ अविश्वास पत्र सौंपा था. इन सदस्यों ने खान पर 'अवैध' और 'मनमानी' नियुक्तियां करने का आरोप लगाया था. 

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