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दिल्ली: 11 साल की बच्ची से प्रेम संबंध का तर्क खारिज, आरोपी को दोषी करार देते हुए कोर्ट ने कहा- 12 साल तक के बच्चे asexual

Delhi Crime: कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए आरोपी ने कहा था कि उसका 11 साल की लड़की के साथ प्रेम संबंध है. प्रेम के कारण ही उसने लड़की के साथ संबंध बनाने की कोशिश की.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 7:06 PM IST
  • जून 2017 में लड़की का हुआ था यौन शोषण
  • घटना के वक्त महज 11 साल की थी बच्ची

दिल्ली की अदालत (Delhi Court) ने प्रेम में 11 साल की लड़की के साथ यौन संबंध बनाने के तर्क को खारिज करते हुए शख्स को दोषी करार दिया है. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि 12 साल से कम उम्र के बच्चे अलैंगिक होते हैं. उन्हें इस बात को समझने में वक्त लगता है कि कोई शख्स उनके प्रति प्रेम जाहिर कर रहा है या अपनी दैहिक सुख मिटाने का प्रयास करना चाहता है. 

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केस रिकॉर्ड के मुताबिक, 27 जून 2017 को दोषी ने नांगलोई में अपनी बिल्डिंग की छत पर पड़ोसी की नाबालिग बेटी का यौन शोषण किया था. उस समय लड़की महज 11 साल की थी. इस मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली की एक अदालत ने कहा, नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न के मामलों में अक्सर देखा जाता है कि उन्हें दूसरों के सामने अपने बारे में बताने परेशानी होती है. 

अदालत ने कहा, जब परिवार का कोई करीबी बच्चों का यौन शोषण करता है तो वह अपने माता-पिता के साथ इस पर चर्चा करने से डरते हैं. बच्चे इस बात को समझ नहीं पाते हैं कि आखिरकार माता-पिता इस पर कैसी प्रतिक्रिया देंगे.

दरअसल, अदालत में आरोपी ने कहा था कि उसका 11 साल की लड़की के साथ प्रेम संबंध था. प्रेम संबंधों में ही उसने लड़की के साथ संबंध बनाने की कोशिश की. आरोपी का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि वह इस बात को मानने से साफ इनकार करती है कि खुद को बचाने के लिए लड़की कोई कहानी सुना रही है. कोर्ट ने कहा कि पीड़िता ने किसी रटे हुए तोते की तरह गवाही नहीं दी है और ना ही उसके बयानों से यह लगता है कि उसकी मां ने उसे कुछ सिखाया हो.

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कोर्ट ने कहा, पीड़िता के बयान को सुनने के बाद स्पष्ट है कि दोषी ने उसे यौन संबंध के बारे में गलत जानकारी दी थी. दोषी ने पीड़िता यौन संबंध के बारे में बहुत ही भरोसेमंद तरीके से बताया था. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि दोषी ने पीड़िता को जान से मारने की धमकी दी थी. कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है.

 

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