
दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण यानी DALSA दिल्ली में ट्रैफिक चालान के हजारों लंबित मुकदमे निपटाने के लिए इस रविवार 12 नवंबर को सभी जिला अदालतों में लोक अदालत लगाएगा. DALSA के सदस्य सचिव भारत पराशर ने बताया कि हमारा अभियान स्पष्ट है कि गरीब और मजबूर लोग इंसाफ पाने की लड़ाई में अकेले नहीं हैं. विधिक सेवा प्राधिकरण कई रूपों में कदम-कदम पर उनके साथ खड़ा है.
राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस पर यह संदेश देने के लिए दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने अपने कई नए अभियान भी शुरू किए हैं. DALSA के सदस्य सचिव भारत पराशर ने बताया कि प्राधिकरण की ओर से जरूरतमंद लोगों की इंसाफ की लड़ाई में मुफ्त विधिक सेवा, कानूनी सलाह और मदद के लिए दिए जा रहे हैं. अन्य कई तरह के काम की जानकारी भी आम लोगों तक पहुंचाने के लिए राउज एवेन्यू कोर्ट परिसर से प्रचार अभियान के लिए कई तौर तरीके अपनाए जाने की शुरुआत की है.
राउज एवेन्यू कोर्ट परिसर में आयोजित समारोह में दिल्ली हाईकोर्ट के जज और डालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल, जस्टिस तलवंत सिंह, जस्टिस नीना बंसल कृष्णा, जस्टिस सुधीर कुमार जैन, जस्टिस तुषार राव गडेला, जस्टिस सौरभ बनर्जी और जस्टिस अमित शर्मा भी मौजूद रहे.
गौरतलब है कि दिल्ली में ट्रैफिक नियम काफी सख्त माने जाते हैं. राजधानी में ट्रैफिक पुलिस नियम तोड़ने पर चालान काटने में बिल्कुल भी ढील नहीं देती. रेड लाइट जंप हो या फिर ओवर स्पीडिंग कई बार हम ट्रैफिक नियमों की अनदेखी इसलिए कर देते हैं, क्योंकि कोई देख नहीं रहा है. हमारी इन गलतियों को देखने के लिए रोड पर कोई पुलिसकर्मी हो या नहीं हो लगभग हर बड़े शहर में कैमरा जरूर है. कैमरे की निगरानी में आप छोटा या फिर बड़ा कोई भी ट्रैफिक नियम तोड़ते हैं, तो आपकी गाड़ी का चलान कट जाता है. चूंकि देश में कई सरकारी सर्विसेस डिजिटल हो गई हैं, ऐसे में चलान भी अब ई-चलान बन चुका है.