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हाउस टैक्स माफ करने के केजरीवाल के वायदे को सिसोदिया ने ठहराया जायज

उप-मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि उनकी सरकार ने बिजली और पानी के दाम घटाने के वायदे पूरे किये हैं. साथ ही प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ने नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि पांच साल में वो मुफ्त वाईफाई का आश्वासन भी पूरा करेंगे.

पूरा करेंगे हाउस टैक्स माफ करने का वादा: सिसोदिया पूरा करेंगे हाउस टैक्स माफ करने का वादा: सिसोदिया
पंकज जैन/अंकित यादव
  • नई दिल्ली,
  • 26 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 5:34 PM IST

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एमसीडी चुनाव से पहले वोटरों को हाउस टैक्स माफ करने का वायदा किया है. लेकिन बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही आश्वासन को ढकोसला बता रहे हैं. नतीजतन आज उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस मसले पर सफाई देने मीडिया से मुखातिब हुए.

'लोगों की तकलीफ का ख्याल'
डिप्टी-सीएम ने दोहराया कि दिल्ली के लोगों को हाउस टैक्स जमा करने में खासी तकलीफ हो रही है. उन्होंने दावा किया कि सरकार ने बहुत सोच-समझकर ये ऐलान किया है और आम आदमी इस वायदे से खुश है. सिसोदिया के मुताबिक अभी तक हाउस टैक्स के नाम पर दलाली का खेल चल रहा था और हाउस टैक्स खत्म होने से सबसे ज्यादा नुकसान दलालों का ही होगा.

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'पूरे किये वायदे'
उप-मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि उनकी सरकार ने बिजली और पानी के दाम घटाने के वायदे पूरे किये हैं. साथ ही प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ने नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि पांच साल में वो मुफ्त वाईफाई का आश्वासन भी पूरा करेंगे.

'विरोधियों की आलोचना गलत'
सिसोदिया ने आरोप लगाया कि बीजेपी और कांग्रेस बेवजह इस वायदे पर सवाल उठा रहे हैं. ऐसा लगता है उन्हें कानून की जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि बीजेपी एक जुमला पार्टी है और उसे अपने समर्थक दलालों की फिक्र करनी चाहिए.

विपक्षी पार्टियों की प्रतिक्रिया
केजरीवाल के वायदे को बीजेपी ने नामुमकिन बताया था. पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मनोज तिवारी का कहना था कि डीएमसी एक्ट के मुताबिक हाउस टैक्स को माफ नहीं किया जा सकता. इसके लिए संसद में दो-तिहाई बहुमत से कानून को बदलना जरूरी होगा. वहीं कांग्रेस नेता अजय माकन ने इसे महज जुमला कहकर खारिज किया था.

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क्या कहते हैं जानकार?
वित्तीय मामलों के विशेषज्ञ आकाश जिंदल की राय में हाउस टैक्स माफ करने से आम आदमी को राहत जरूर मिलेगी. लेकिन घाटे से जूझ रही नगरपालिका की आर्थिक सेहत इस फैसले से और खराब हो सकती है. जिंदल का मानना है कि हाउस टैक्स से होने वाली कमाई खत्म होने के बाद एमसीडी के लिए लोगों को मूलभूत सुविधाएं देना और कठिन हो जाएगा.

हरकत में आए बागी
इस बीच रविवार को आम आदमी पार्टी के सैकड़ों पूर्व कार्यकर्ता दिल्ली की सड़कों पर उतरे. उन्होंने 'आप बचाओ अभियान' के तहत सरकार के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है. इन कार्यकर्ताओं का आरोप था कि एमसीडी चुनाव में कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज कर बाहरी लोगों को तरजीह दी गई है. लिहाजा वॉलंटियर्स हर वार्ड में निर्दलीय उम्मीदवार खड़े करेंगे.

पार्टी के पूर्व नेता और चंदा बंद सत्याग्रह की अगुवाई करने वाले मुनीष रायजादा का कहना था कि पार्टी ने एमसीडी चुनाव के लिए टिकट बेचे हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं पर प्रत्याशियों को थोपा गया है.

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