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राजीव गांधी के भारत रत्न मामले पर सिसोदिया की सफाई, लांबा से नहीं मांगा इस्तीफा

सिसोदिया ने बताया कि 1984 के सिख विरोधी दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिये विधानसभा में पिछले दो दिनों से चल रही चर्चा के दौरान पारित एक प्रस्ताव को लेकर यह विवाद पैदा हुआ था. उन्होंने स्पष्ट किया कि सदन से पारित मूल प्रस्ताव में राजीव गांधी से भारत रत्न सम्मान वापस लेने की बात शामिल नहीं थी.

अलका लांबा और मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो) अलका लांबा और मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 22 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 6:15 PM IST

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को दिया भारत रत्न सम्मान वापस लेने संबंधी विवादित प्रस्ताव का पार्टी नेतृत्व द्वारा समर्थन नहीं किए जाने पर आप विधायक अलका लांबा ने शनिवार को खुशी जाहिर की है. लांबा ने शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा में आप विधायक जरनैल सिंह द्वारा पेश इस विवादित प्रस्ताव का समर्थन करने से दो टूक इनकार करते हुए विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा देने तक की बात कह दी थी. इससे उपजे विवाद को शांत करते हुए आप के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सम्मान वापसी से जुड़े किसी प्रस्ताव का पार्टी समर्थन नहीं करती है.

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सिसोदिया ने पार्टी नेतृत्व द्वारा लांबा से इस्तीफा मांगे जाने से भी इनकार करते हुए कहा कि न तो इस्तीफा मांगा गया है और न ही उन्होंने इस्तीफा दिया है. वहीं, लांबा ने भी इस्तीफा देने की बात से इनकार कर दिया. सिसोदिया के बयान के बाद लांबा ने ट्वीट कर कहा, 'मुझे बेहद खुशी महसूस हो रही है कि पार्टी ने स्वर्गीय राजीव गांधी को दिए गए भारत रत्न का समर्थन किया है. राजीव गांधी के अतुलनीय बलिदान और त्याग को यह देश कभी नहीं भुला सकता है.'

उन्होंने उस प्रस्ताव को भी ट्वीटर से हटा दिया जिसकी वजह से यह विवाद उत्पन्न हुआ. लांबा ने कहा, 'मैं उस प्रस्ताव की प्रति को हटा रही हूं, जो विधानसभा में पारित ही नहीं हुआ.' उल्लेखनीय है कि लांबा ने शुक्रवार को इस मामले में अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उनसे विधायक पद से इस्तीफा देने को कहा है और पार्टी प्रमुख के फैसले को स्वीकार कर वह इस्तीफा दे देंगी.

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सिसोदिया ने बताया कि 1984 के सिख विरोधी दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिये विधानसभा में पिछले दो दिनों से चल रही चर्चा के दौरान पारित एक प्रस्ताव को लेकर यह विवाद पैदा हुआ था. उन्होंने स्पष्ट किया कि सदन से पारित मूल प्रस्ताव में भारत रत्न सम्मान वापस लेने की बात शामिल नहीं थी.

प्रस्ताव पारित किए जाने के समय सदन में मौजूद रहे आप के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने बताया कि पार्टी विधायक जरनैल सिंह को दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने संबंधी प्रस्ताव पेश करना था. इसी समय आप विधायक सोमनाथ भारती ने विधायकों को वितरित की गई प्रस्ताव की प्रति पर राजीव गांधी का भारत रत्न सम्मान वापस लेने की मांग पेन से लिख कर उक्त प्रति जरनैल सिंह को सदन पटल पर पेश करने के लिए दे दी.

भारद्वाज ने कहा मूल प्रस्ताव ही सदन से पारित हुआ जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री से जुड़ी मांग का जिक्र नहीं था. उन्होंने माना कि भारत रत्न लौटाने की मांग को संशोधित प्रस्ताव का हिस्सा माना जा सकता है, जो कि पारित नहीं किया गया. राजीव गांधी से भारत रत्न सम्मान वापस लेने की मांग से इत्तेफाक रखने के सवाल पर सिसोदिया ने कहा, 'हमारा ऐसा कोई विचार नहीं है कि राजीव गांधी से भारत रत्न सम्मान वापस लिया जाए.'

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उन्होंने इस भ्रम को विवाद की वजह बताते हुए कहा कि इसके दूर होते ही विवाद भी खत्म हो गया है. सिसोदिया ने लांबा से इस्तीफा मांगे जाने और उनके इस्तीफे की पेशकश की अटकलों को भी खारिज कर दिया. उल्लेखनीय है कि लांबा ने कहा था कि राजीव गांधी ने देश के लिए कुर्बानी दी थी. इसे भुलाया नहीं जा सकता है. इसलिए उन्हें दिया गया भारत रत्न सम्मान वापस लेने वाले प्रस्ताव का वह समर्थन नहीं करती हैं.

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