Advertisement

मनीष सिसोदिया बोले- लॉकडाउन कोरोना का समाधान नहीं, पराली एक बड़ी वजह है

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि उत्तर भारत में एकाएक कोरोना मरीज बढ़े हैं. पराली इसकी बड़ी वजह रही है. लॉकडाउन कोरोना का समाधान नहीं है. दिल्ली में बेहतर काम किया जा रहा है. सीएम अधिकारी सभी लगे हुए हैं. धीरे-धीरे केस कम हो रहे हैं.

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो) दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)
अंकित त्‍यागी
  • नई दिल्ली ,
  • 24 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 5:56 PM IST
  • मनीष सिसोदिया की आजतक से बातचीत
  • कहा- सख्ती के साथ की जा रही मॉनिटरिंग
  • धीरे-धीरे केस कम हो रहे हैंः सिसोदिया

देश की राजधानी में कोरोना के बढ़ते नए मामलों के साथ ही मौत के आंकड़ों ने चिंता बढ़ा दी है. इस लेकर केंद्र और केजरीवाल सरकार मिल काम कर रही है. वहीं, दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि उत्तर भारत में एकाएक कोरोना मरीज बढ़े हैं. पराली इसकी बड़ी वजह रही है. लॉकडाउन कोरोना का समाधान नहीं है. दिल्ली में बेहतर काम किया जा रहा है. सीएम, अधिकारी सभी लगे हुए हैं. धीरे-धीरे केस कम हो रहे हैं. 

Advertisement

उन्होंने कहा कि दिल्ली में 750 आईसीयू बेड अभी खाली हैं. हम सख्ती के साथ हर चीजों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन कोरान का समाधान नहीं है. हम जरूरत की हर चीज मुहैया कराएंगे. केंद्र की मदद पर मनीष सिसोदियो ने कहा कि हमें 700 आईसीयू बेड देने का वादा किया गया था, अब तक हमें केवल 200 मिले हैं, लेकिन हम उनके समर्थन का स्वागत करते हैं. कोरोना पर भले बीजेपी राजनीति करे, लेकिन आम आदमी पार्टी इस संकट काल में राजनीति नहीं करेगी. 

स्कूल खोले जाने पर सिसोदिया ने कहा कि पढ़ाई के नुकसान को समझता हूं, लेकिन जब तक हमारे पास टीका नहीं है, तब तक बच्चों को जोखिम में नहीं डाल सकते. लंबित बोर्ड परीक्षाओं पर केंद्र सरकार से अनुरोध करेंगे, ताकि बच्चों को समस्या ना झेलनी पड़े. 

बता दें कि पिछले कुछ हफ्तों से दिल्ली बेहद बुरे दौर से गुजर रही है. एक तरफ कोरोना के नए मामलों की रफ्तार कम नहीं हो रही. दूसरी तरफ मौत के आंकड़े भी लगातार 100 के करीब हैं. घनी आबादी वाले इलाकों और बाजारों में भीड़ की वजह से कोरोना संक्रमण की दर तेज हो चुकी है.

Advertisement

दिल्ली में कोरोना (Coronavirus In Delhi) का संक्रमण हर नए दिन के साथ और भयावह होता जा रहा है. बीते दिनों बाजारों में भीड़ और त्योहारों की रौनक थी, तो अस्पताल में कोरोना की वजह से दम तोड़ते मरीजों का आंकड़ा भी बढ़ रहा था. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement