
दिल्ली की शिक्षामंत्री आतिशी ने टीचर्स की ट्रांसफर प्रक्रिया में अफसरों द्वारा रिश्वत के लेन-देन और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. आतिशी ने दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी को मामले में जांच करने और अफसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं. साथ ही, चीफ सेक्रेटरी को टीचर्स के ट्रांसफर ऑर्डर पर रोक लगाने के निर्देश भी दिए हैं.
आतिशी ने कहा कि 11 जून को दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग ने एक आदेश निकाला था कि अगर कोई शिक्षक एक स्कूल में 10 साल से ज्यादा समय से पढ़ा रहा है, तो उस शिक्षक का ट्रांसफर ज़रूर होगा. यह आदेश बहुत गलत और शिक्षा विरोधी है. मैंने इस आदेश को खारिज करने के लिए 1 जुलाई को शिक्षा मंत्री होने के नाते दिल्ली के शिक्षा विभाग के निदेशक और सचिव को निर्देश दिए. यह आदेश इसलिए गलत है, क्योंकि ये वही टीचर्स हैं, जिनकी मेहनत से सरकारी स्कूलों में कायापलट हुआ है और सरकारी स्कूलों के नतीजे प्राइवेट स्कूल से बेहतर आ रहे हैं.
शिक्षामंत्री आतिशी ने कहा कि देश की 2020 की नई शिक्षा प्रणाली भी यह कहती है कि बार-बार या एक बड़े स्केल पर ट्रांसफर की प्रक्रिया टीचर्स में नहीं होनी चाहिए और टीचर्स को एक ही स्कूल में पढ़ना चाहिए. सरकारी स्कूल में शहर के सबसे गरीब तबके के बच्चे पढ़ने आते हैं. जब एक झटके में स्कूल के आधे टीचर्स का ट्रांसफर कर दिया जाता है तो पूरा स्कूल अस्त-व्यस्त हो जाता है. इससे पढ़ाई का माहौल खराब होता है. इसलिए मैंने 1 जुलाई को शिक्षा विभाग के अफसरों को आदेश दिए कि टीचर्स का जोर जबरदस्ती के साथ ट्रांसफर नहीं किया जाए, लेकिन मेरे आदेश के बावजूद 2 जुलाई की रात 5000 टीचर्स का ट्रांसफर ऑर्डर जारी कर दिया जाता है.
आतिशी ने कहा कि सवाल ये उठता है कि मेरे आदेश के बावजूद क्यों दिल्ली सरकार के अफसर ट्रांसफर ऑर्डर निकाल रहे हैं. क्या ऐसा समय आ गया है कि दिल्ली सरकार के अफसर दिल्ली के स्कूलों को खराब करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि ये भी संज्ञान में आया है कि इस ट्रांसफर की प्रक्रिया में बहुत भ्रष्टाचार हुआ है. ऐसा कहा जा रहा है कि टीचर्स ने अपने ट्रांसफर को रुकवाने के लिए कई अफसरों को रिश्वत दी है और रिश्वत का लेनदेन हुआ है. बच्चों का फ्यूचर डिसाइड करने वाले शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार होगा तो शिक्षा आगे कैसे बढ़ेगी.
शिक्षामंत्री ने कहा कि आज सुबह दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी को यह आदेश दिया है कि टीचर्स के ट्रांसफर के आदेश पर तुरंत रोक लगाई जाए. चीफ सेक्रेटरी को यह भी आदेश दिया है कि इस ट्रांसफर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की जांच की जाए और भ्रष्टाचार में शामिल अफसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.