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दिल्ली में घंटों बिजली गुल, क्या उपभोक्ताओं को मिलेगा मुआवजा?

पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार फेज 3 में रहने वाले जी.पी शर्मा का कहना है कि जब से गर्मी बढ़ी है तब से आए दिन रात के वक्त 2 से 3 घंटे बिजली की कटौती हो रही है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
परमीता शर्मा/सुशांत मेहरा
  • नई दिल्ली,
  • 23 जून 2018,
  • अपडेटेड 6:39 AM IST

देश की राजधानी दिल्ली एक तरफ पानी की किल्लत से जूझ रही है तो वहीं दूसरी ओर बिजली ने भी झटका देना शुरू कर दिया है. पूर्वी दिल्ली के कई इलाके बिजली कटौती की परेशानी का सामना कर रहे हैं. यह कटौती 2 से 3 घंटे तक की होती है. जिससे गर्मी के मौसम में दिल्ली की जनता को बहुत परेशानी हो रही है.

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पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार फेज 3 में रहने वाले जी.पी शर्मा का कहना है कि जब से गर्मी बढ़ी है तब से आए दिन रात के वक्त 2 से 3 घंटे बिजली की कटौती हो रही है. BSES के दफ्तर जाओ तो कोई सुनवाई नहीं होती या फिर यह कहकर टाल दिया जाता है कि ऑनलाइन शिकायत दीजिये. मयूर विहार में ही रहने वाली सुमन लता का कहना है कि बिजली की कटौती ने जीना मुहाल कर दिया है. एक तरफ पानी की किल्लत और दूसरी तरफ बिजली की कटौती, इससे खासा परेशानी हो रही है.

साउथ दिल्ली में भी बिजली की कटौती

बिजली की कटौती केवल पूर्वी दिल्ली में ही नहीं बल्कि साउथ दिल्ली में भी हो रही है. साउथ दिल्ली के पार्ट- 2 में रहने वाली वीना गोयल बताती हैं कि पिछले कई दिनों से बिजली की परेशानी नहीं थी लेकिन कुछ दिनों से बिजली कंपनिया मेंटेनेंस के नाम पर 4 से 5 घटे तक बिजली काट रही है. वजह पूछने पर बताया जाता है कि मेंटेनेंस चल रही है.

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इन सब से परे दिल्ली सरकार ने हाल ही में कहा था कि अगर बिजली कंपनी एक घटे भी बिजलीं की कटौती करती है तो बिजलीं कंपनी को उपभोक्ताओं को 50 रुपये प्रति घंटे के हिसाब से रिफंड देना होगा, लेकिन दिल्ली सरकार का ये आदेश भी तमाम दावों की ही तरह फुस्स नजर आ रहा है.

RTI में सामने आए ये तथ्य

आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक ऐसा ऑर्डर पास ही नहीं हुआ है. दरअसल उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार ने बिजली कंपनियों पर लगाम लगाने के लिए जो ऑर्डर पास किया था जिसमें ये कहा गया था कि एक घंटे बिजली जाने पर बिजली कंपनियों को प्रति घंटे के हिसाब से 50 रुपये देने होंगे वो ऑर्डर अभी तक पास ही नहीं हुआ है. डीईआरसी (दिल्ली विद्युत नियमन आयोग) सरकार के उस फैसले पर अभी विचार ही कर रही है.

इस मामले पर जब डीईआरसी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अभी इस फैसले पर विचार चल रहा है और उपभोक्ताओं को पहले के हिसाब से ही 10 रुपये प्रति किलोवाट दिया जा रहा है. जो कि पिछले काफी समय से तय है.

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