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दिल्ली: बाढ़ और बरसात से बढ़ा डेंगू-मलेरिया का खतरा, अस्पतालों में डिजास्टर मैनेजमेंट वॉर्ड बनाया गया

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अभी तक वेक्टर जनित बीमारियां का कोई ट्रेंड देखने को नहीं मिला है, फिर भी सरकार की ओर से डेंगू के खिलाफ मजबूत तैयारी की गई है. राहत शिविरों से जब ये लोग वापस अपनी जगह पर चले जाएंगे, तब भी सरकार स्थिति को मॉनिटर करेगी. यदि कहीं पर भी कोई बीमारी का ट्रेंड दिखा, तो उस पर सख्त एक्शन लिया जाएगा.

सौरभ भारद्वाज ने की बैठक-(फोटो सौरभ भारद्वाज के ट्विटर हैंडल से साभार) सौरभ भारद्वाज ने की बैठक-(फोटो सौरभ भारद्वाज के ट्विटर हैंडल से साभार)
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 18 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 2:03 AM IST

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बाढ़ का सबसे ज्यादा असर पूर्वी दिल्ली और उत्तरपूर्वी दिल्ली पर पड़ा है. बाढ़ और बरसात के चलते डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी वेक्टर जनित बीमारियों के पनपने का खतरा बढ़ गया है. सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि अगर राहत केंद्रों से इमरजेंसी में डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसे लक्षण वाले मरीज आए तो परिसर में बने डिजास्टर मैनेजमेंट वॉर्ड में भर्ती किया जाए. साथ ही उनकी स्थिति को मॉनिटर किया जाए. 

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बाढ़ का सबसे ज्यादा असर पूर्वी दिल्ली और उत्तरपूर्वी दिल्ली पर
स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि दिल्ली में बाढ़ का सबसे ज्यादा असर पूर्वी दिल्ली और उत्तरपूर्वी दिल्ली पर पड़ा है. यहां पर प्रभावित लोगों को राहत शिविरों में लाया गया है. यहां निरीक्षण के दौरान जानकारी मिली थी कि कंजंक्टिवाइटिस (नेत्रश्लेष्मलाशोथ), स्किन एलर्जी, बुखार के मामले ज्यादातर राहत शिविरों से सामने आ रहे हैं. मगर बरसात और बाढ़ के बाद डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी वेक्टर जनित बीमारियां पनपने का भी खतरा बढ़ गया है. हालांकि वर्तमान में राहत शिविरों में ऐसे मामले देखने को नहीं मिल रहे है. 

इन अस्पतालों में बना डिजास्टर मैनेजमेंट वॉर्ड
बाढ़ प्रभावित इलाकों के स्वामी दयानंद अस्पताल और लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में वेक्टर जनित बीमारियों के मरीजों के लिए डिजास्टर मैनेजमेंट वॉर्ड बनाया गया है. ताकि यहां राहत शिविरों से आने वाले लोगों को एडमिट किया जाए सके और उन्हें मॉनिटर किया जा सके. साथ ही यह भी पता चल सके कि राहत शिविरों में कोई नई महामारी तो नहीं फैल रही है. स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने वेक्टर जनित बीमारियों से संबंधित दवाओं के स्टॉक का भी जायजा लिया और अस्पताल प्रशासन को गंभीरता के साथ स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए.

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स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केजरीवाल सरकार की ओर से वेक्टर जनित बीमारियों के खतरे को देखते हुए एहतियाती कदम उठाए जा रहे है. दिल्ली सरकार के सभी राहत शिविरों में दो डॉक्टर समेत पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध हैं. यहां प्रभावित लोगों को दवा और उपचार मुफ्त में दिया जा रहा है. इन राहत शिविरों में रह रहे सभी लोगों को मेडिकल सुविधाओं की जानकारी है. 

'अभी तक वेक्टर जनित बीमारियां का कोई ट्रेंड देखने को नहीं मिला'
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अभी तक वेक्टर जनित बीमारियां का कोई ट्रेंड देखने को नहीं मिला है, फिर भी सरकार की ओर से डेंगू के खिलाफ मजबूत तैयारी की गई है. राहत शिविरों से जब ये लोग वापस अपनी जगह पर चले जाएंगे, तब भी सरकार स्थिति को मॉनिटर करेगी. यदि कहीं पर भी कोई बीमारी का ट्रेंड दिखा, तो उस पर सख्त एक्शन लिया जाएगा. 

उन्होंने कहा कि कई जगहों पर लोगों ने अपने साथ बकरियां, गाय, भैंस इत्यादि रखी है. ऐसे में सरकार की ओर से आग्रह के बावजूद भी वे स्कूलों या सामुदायिक केंद्र में बनें राहत शिविरों में स्थानातरित नहीं हो रहे है. उन्हें सरकार की तरफ से भोजन, पानी, बिजली सहित मेडिकल की सुविधा मुफ्त दी जा रहा है. यहां पर स्थिति पर नजर रखी जा रही है.

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स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब आपके यहां पानी भरेगा तो डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी वेक्टर जनित बीमारियां का खतरा रहेगा. आपके घर में, कंस्ट्रक्शन साइट, पुलिस के माल खानों में, नगर निगम के जहां पर व्हीकल स्टोर करतें हैं, इस तरह की जगह पर साफ पानी किसी ना किसी तरह जमा हो जाता है तो उसके लिए बहुत सावधान रहें. खासतौर पर घर की छत पर, गमलों के आसपास, फूलदान के अंदर, फ्रिज के नीचे ट्रे के अंदर पानी एकत्रित हो जाता है. ऐसे में ध्यान रखें कि कहीं भी साफ पानी इकट्ठा ना हो, अगर इकट्ठा है तो जल्द से जल्द उसे उडेल दिया जाए और उसको स्थिर ना रखा जाए. 

मच्छर नियंत्रण उपायों का पालन सुनिश्चित करने के लिए डॉमेस्टिक ब्रीडिंग चैकर (डीबीसी) पुलिस स्टेशनों और सरकारी भवनों का भी निरीक्षण करेंगे. इसके अलावा दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के प्रतिनिधियों को मेट्रो स्टेशनों और मेट्रो रेल के अंदर डीजीएचएस द्वारा जन जागरुकता संबंधी संदेश दिए जाएंगे. इससे बड़ी संख्या में यात्रियों तक डेंगू से बचाव के उपायों की जानकारी पहुंचाने में मदद मिलेगी. जहां डीडीए, पीडब्ल्यूडी या एमसीडी जैसे विभागों द्वारा निर्माण कार्य चल रहा हैं, ऐसी कंस्ट्रक्शन साइट्स और खासकर पुलिस के मालखाने, अन्य किसी विभाग के मालखाने और रिकॉर्ड रूम आदि जगहों में अधिकारियों को सुनिश्चित करना होगा कि यहां पानी इकट्ठा ना हो और मच्छर ना पनप पाए. इसके अलावा यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि विभिन्न इलाकों में डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स घर-घर जा रहे हैं या नहीं. 

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साथ ही डीबीसी जिन-जिन घरों में दौरा कर रहे हैं, उन घरों की दीवार पर तारीख अकिंत करेंगे कि घर के अंदर कब आए थे. ताकि पता चल सके कि डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स ने किस दिन घर की चेंकिग की. एमसीडी अधिकारी हर दिन अपने इलाकों में एक बार रेंडम चेकिंग करेंगे.


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