
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ पर सरकार की सबसे महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट में से एक रैपिड रेल पर लगातार काम चल रहा है. ऐसे में क्या खास होगा इस ट्रेन के कोच में, किस तरह से ये और रेल कोचों से अलग होगी, इसकी रूपरेखा एक अलग तस्वीर पेश करती है. रैपिड रेल के कोच को विशेष तौर की सुविधाओं से लैस किया गया है.
मेट्रो से अलग पर ट्रेन से थोड़े मिलते हुए इन कोच में सभी आधुनिक सुविधाएं हैं, जो यात्रा के लिए जरूरी हैं. इसमें हर तरह से यात्री को सुविधा का ध्यान रखा गया है. कोच में सबसे पहले गेट में सेंसर लगे हैं, जो जब भी यात्री गेट के करीब होगा ये बंद नही होंगे. इससे हादसे को संभावना न के बराबर है. इसके अलावा, इसमें बैठने के लिए भी अच्छा खासा स्पेस दिया गया है.
इसके अलावा, सीसीटीवी कैमरा और यात्रियों के लिए फ्री वाईफाई की भी सुविधा इसमें दी गयी है. एनसीआरटीसी के एम डी विनय कुमार सिंह कहते हैं कि ये कोच किसी भी रिजिनल रेल कोच से बिल्कुल अलग है. इसमे हमने यात्रियों की हर सुविधा का ध्यान रखा है. कोशिश हमारी यह भी है कि अगर कुछ बदलाव समय की जररूत के हिसाब से करने पड़े तो हमने वो भी इसमे गुंजाइश रखी है.
दिल्ली मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर करीब 82 किलोमीटर है और लगभग 2025 में ये रैपिड रेल का कार्य पूरी तरह होने की उम्मीद है रैपिड के ट्रेन कोच का निर्माण गुजरात के सावली स्थित बंबारडियर प्लांट में किया जा रहा है. साल 2025 में कुल 40 सेट ट्रेन चलेंगे जिसमे कुल 210 कोच होंगे.
इस कोच में मोबाइल, लैपटॉप, चार्जिंग सॉकेट और वाईफाई की सुविधा दी गई है. साथ ही, कोच में प्रवेश और निकासी के लिए छह स्वचालित दरवाजे और इसके अलावा बाहर का नजारा देखने के लिए बड़ी शीशे की खिड़कियां भी लगाई गई हैं. वहीं, इसमे सबसे खास बात है ये भी है को दिव्यांगों के लिए दरवाजों के पास व्हीलचेयर की जगह व स्ट्रेचर ले जाने की सुविधा भी प्रदान की गई है.