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दिल्ली सरकार ने की 'डोर स्टेप डिलीवरी' की दोबारा शुरुआत, कोरोना के बाद से थी बंद

दिल्ली वाले एक बार फिर ड्राइविंग लाइसेंस से लेकर मैरिज सर्टिफिकेट तक, अब अपने घरों के दरवाजे पर 50 रुपए के मामूली शुल्क पर करीब 100 सरकारी सेवाओं का फायदा उठा सकेंगे. 

अरविंद केजरीवाल अरविंद केजरीवाल
पंकज जैन
  • नई दिल्ली ,
  • 13 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 12:42 AM IST
  • दिल्ली में पिछले 24 घंटे में 4321 कोरोना के मामले सामने आए हैं
  • डोर स्टेप सेवा उन क्षेत्रों में शुरू नहीं होगी, जहां कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं
  • मोबाइल सहायक संबंधित सरकारी कार्यालय में दस्तावेजों को जमा करेगा

दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक सेवाओं की 'डोरस्टेप डिलीवरी' का अपना प्रोजेक्ट दोबारा शुरू कर दिया है. कोरोना काल में इन सेवाओं को रोक दिया गया था. दिल्ली वाले एक बार फिर ड्राइविंग लाइसेंस से लेकर मैरिज सर्टिफिकेट तक, अब अपने घरों के दरवाजे पर 50 रुपए के मामूली शुल्क पर करीब 100 सरकारी सेवाओं का फायदा उठा सकेंगे. डोर स्टेप डिलीवरी के लिए ग्राउंड स्टाफ एजेंसी को केंद्र सरकार द्वारा जारी कोविड-19 की गाइड लाइन्स का पालन करने का निर्देश दिया गया है.

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हालांकि डोर स्टेप सेवा उन क्षेत्रों में शुरू नहीं होगी, जहां कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं. बता दें कि घर बैठे सरकारी सुविधा पाने के लिए 1076 पर कॉल कर ‘मोबाइल सहायक’ के साथ एक अपॉइंटमेंट लेना होता है. मोबाइल सहायक आवेदक के घर आकर फॉर्म भरने, संबंधित फीस और जरूरी दस्तावेजों को जमा कर आगे की कार्यवाही पूरी करेंगे. इसके बाद मोबाइल सहायक संबंधित सरकारी कार्यालय में दस्तावेजों को जमा करेगा और जिसके बाद आवेदक को सेवा से संबंधित सरकारी दफ्तर में विजिट कराने की जिम्मेदारी भी मोबाइल सहायक की होती है.

दिल्ली में 4321 नए कोरोना केस

दिल्ली में कोरोना के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं. राजधानी दिल्ली में पिछले 24 घंटे में 4321 कोरोना के मामले सामने आए हैं और 28 लोगों की मौत हो गई है. वहीं, 3141 लोग ठीक होकर डिस्चार्ज हो गए हैं और 60 हजार 76 लोगों की जांच की गई है. इसके अलावा मौलाना साद की मां खालिदा की याचिका पर दिल्ली की साकेत कोर्ट ने मरकज से जुड़े उस आवासीय हिस्से को खोलने के आदेश दे दिए हैं, जिस पर दिल्ली पुलिस ने 1 अप्रैल से ही ताला लगाया हुआ था. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि भारत के किसी भी नागरिक को आर्टिकल 21 के तहत अपने आवासीय स्थान में रहने का हक है.

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71 साल की खालिदा ने कोर्ट में याचिका लगाई थी कि हाउस नंबर 168, बस्ती हजरत निजामुद्दीन में वो अपने बेटे मौलाना साद, उसकी पत्नी, उसके पोते के साथ रहती थी. 31 मार्च को पूरे मरकज परिसर को एफआईआर दर्ज होने के बाद बंद कर दिया गया था, जिसमें उसका घर भी शामिल है.

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