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केंद्र के अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी दिल्ली सरकार, स्टालिन-सोरेन से मिलेंगे केजरीवाल

दिल्ली सरकार केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी. इसके अलावा अरविंद केजरीवाल तमिलनाडु के सीएम स्टालिन से एक जून और झारखंड सीएम हेमंत सोरेन से दो जून को मुलाकात करेंगे.

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो) दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 31 मई 2023,
  • अपडेटेड 3:04 PM IST

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ अब झारखंड और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे. आम आदमी पार्टी से मिली जानकारी के मुताबिक सीएम केजरीवाल एक जून को एमके स्टालिन और दो जून को हेमंत सोरेन से मुलाक़ात करेंगे.

केंद्र द्वारा दिल्ली सरकार की सर्विसेस को लेकर लाए गए अध्यादेश के खिलाफ अरविंद केजरीवाल लगातार विपक्षी नेताओं से मिल रहे हैं. अब तक केजरीवाल अध्यादेश के खिलाफ ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे, शरद पवार और सीताराम येचुरी से समर्थन मांग चुके हैं.  

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मंगलवार को सीएम अरविंद केजरीवाल की मुलाकात के बाद सीपीआई (एम) के जनरल सेक्रेटरी सीताराम येचुरी ने भी केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आप सरकार का साथ देने की घोषणा की. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में मोदी सरकार अपनी तानाशाही चला रही है और अध्यादेश लाकर दिल्ली की जनता के हक छीन रही है. राज्यसभा में भाजपा के पास बहुमत नहीं है. अगर पूरा विपक्ष एक साथ आता है तो राज्यसभा में इस अध्यादेश को गिराया जा सकता है. येचुरी ने गैर भाजपा दलों से अपील करते हुए कहा कि सभी केंद्र के इस अध्यादेश का विरोध करें और संविधान पर आक्रमण करने वाली मोदी सरकार से इसको बचाएं.   

केंद्र ने दिल्ली सरकार को पंगु बना दिया: केजरीवाल

केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि दिल्ली के लोगों के अधिकारों की आठ साल की लड़ाई के बाद 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि भारत एक जनतंत्र है और यहां जनता द्वारा चुनी हुई सरकार को जनता के लिए काम करने के लिए पूरे अधिकार और शक्तियां होनी चाहिए. मोदी सरकार ने 2015 में एक अधिसूचना जारी कर हमारी सारी शक्तियां छीन ली थीं, जबकि पहले ये शक्तियां दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पास होती थी, लेकिन केंद्र सरकार ने सारी शक्तियां छीन कर दिल्ली सरकार को पंगु बना दिया गया. फिर भी हमने दिल्ली में बहुत सारे काम किए.  

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वहीं, आठ साल की लड़ाई के बाद दिल्ली के लोगों को सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिला, जिसे 19 मई को आठ दिन के अंदर ही मोदी सरकार ने खत्म करते हुए अध्यादेश पारित कर दिया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश को रद्द करते हुए मोदी सरकार ने कहा कि दिल्ली के लोगों के पास कोई अधिकार नहीं है.  

अध्यादेश को हम सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे- केजरीवाल  

दिल्ली सीएम ने कहा कि इस समय कोर्ट की छुट्टियां चल रही हैं और कोर्ट बंद है. 11 मई को सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया और उन्होंने उसी दिन से अध्यादेश लाने की तैयारी शुरू कर दी थी. मगर जैसे ही 19 मई को शाम 5 बजे सुप्रीम कोर्ट छुट्टी पर गया, ये लोग रात 10 बजे अध्यादेश ले आए. इसका मतलब है कि इनके दिल में खोट है. इन्हें पता है कि कोर्ट में यह अध्यादेश नहीं टिकेगा. इस तरह इन्होंने एक महीना बर्बाद किया है. अब हम इस अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती तो देंगे ही, लेकिन जब ये राज्यसभा में आए तब सभी गैर भाजपा दलों को साथ मिलकर ये संदेश देना चाहिए कि हम चाहे किसी भी पार्टी से हों, देश सुप्रीम है. जब देश, जनतंत्र और संविधान की बात आएगी तो कोई पार्टी अलग नहीं है. हम सभी मिलकर इनका विरोध करेंगे.  

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