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जैसा न्यूयॉर्क का सेंट्रल पार्क, वैसा ही बनेगा दिल्ली का सेंट्रल रिज, ये होगी खासियत

सेंट्रल रिज में बुद्धा जयंती पार्क से लेकर तालकटोरा स्टेडियम और दिल्ली कैंटोनमेंट का क्षेत्र आता है. इसमें से सेंट्रल रिज प्रोजेक्ट के तहत 423 हेक्टेयर क्षेत्र को रिस्टोर किया जाएगा.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 22 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 9:11 PM IST
  • सेंट्रल रिज प्रोजेक्ट के लिए कमेटी का गठन
  • ये कमेटी प्रोजेक्ट की निगरानी का काम करेगी
  • अगले 5 साल में प्रोजेक्ट के पूरा होने की उम्मीद

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने सेंट्रल रिज प्रोजेक्ट की निगरानी के लिए 6 सदस्यों की एडवाइजरी कमेटी का गठन कर दिया है. सेंट्रल रिज प्रोजेक्ट को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर विकसित करने की तैयारी है. सरकार का दावा है कि न्यूयॉर्क में जिस तरह से सेंट्रल पार्क बना है, ठीक वैसे ही सेंट्रल रिज को भी बनाया जाएगा. सेंट्रल रिज प्रोजेक्ट को लेकर बनी एडवाइजरी कमेटी की अध्यक्षता पर्यावरण विभाग के अंतर्गत आने वाले वन एवं वन्यजीव विभाग के प्रमुख सचिव करेंगे. 

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न्यूयॉर्क के सेंट्रल पार्क की तर्ज पर तैयार होगा सेंट्रल रिज

दिल्ली में सेंट्रल रिज को विलायती कीकर से मुक्त किया जाएगा. इसका क्षेत्रफल 800 हेक्टेयर के करीब है. इसमें बुद्धा जयंती पार्क से लेकर तालकटोरा स्टेडियम और दिल्ली कैंटोनमेंट का क्षेत्र आता है. इसमें से सेंट्रल रिज प्रोजेक्ट के तहत 423 हेक्टेयर क्षेत्र को रिस्टोर किया जाएगा. सबसे पहले विलायती कीकर के पेड़ हटाए जाएंगे. इसके बाद स्थानीय प्रजाति के पौधे लगाए जाएंगे. इसके अलावा जिन स्थानों पर विलायती कीकर नहीं हैं वहां स्थानीय प्रजाति के पौधे लगाने का काम शुरू किया जाएगा.

सेंट्रल रिज प्रोजेक्ट के तहत घास का मैदान भी विकसित किया जाएगा. इसे पक्षियों और तितलियों के लिए सफारी के तौर पर विकसित किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट में आसपास के पार्क भी शामिल किए जाएंगे. न्यूयॉर्क के सेंट्रल पार्क के तौर पर सेंट्रल रिज प्रोजेक्ट को विकसित किया जाएगा. सरकार का कहना है कि इससे दिल्ली को काफी हद तक प्रदूषण से भी राहत मिलेगी.

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कौन-कौन होंगे कमेटी में शामिल?

6 सदस्यों की एडवाइजरी कमेटी के अध्यक्ष प्रमुख सचिव होंगे. वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक सदस्य सचिव होंगे. इसके अलावा विशेषज्ञ सीआर बाबू, पेड़ विशेषज्ञ प्रदीप, सलाहकार रीना गुप्ता और आर्किटेक्ट सुदित्या सिन्हा को कमेटी में शामिल किया गया है.

कमेटी का काम क्या होगा?

ये कमेटी हर दो हफ्ते में एक बार मीटिंग करेगी. इसका काम प्रोजेक्ट की निगरानी करने के अलावा समय सीमा के भीतर प्रोजेक्ट को पूरा करने और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर प्रोजेक्ट के निर्माण को कराना होगा. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि प्रोजेक्ट के तहत 5 साल में 423 हेक्टेयर से कैनोपी लिफ्टिंग पद्धति से विलायती कीकर को हटाकर स्थानीय प्रजाति के पौधे लगाए जाएंगे. विलायती कीकर को अंग्रेजी में Prosopis juliflora कहा जाता है और ऐसा माना जाता है कि ये अपने आसपास दूसरी प्रजाति के पौधों को पनपने नहीं देता.

 

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