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ऑक्सीजन की कमी पर दिल्ली सरकार ने बनाया कंट्रोल रूम, 30 मिनट में निपटानी होगी समस्या

इस कंट्रोल रूम में एक हेल्प डेस्क भी बनाया जाएगा जिसका काम होगा केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और प्राइवेट अस्पतालों की ऑक्सीजन संबंधित शिकायतों का निपटारा करना. ऐसी शिकायतों को आधे घंटे के भीतर निपटाना होगा. अगर आधे घंटे के भीतर शिकायत और समस्या का समाधान नहीं होता तो विजय बिधूड़ी नाम के आईएएस अफसर की जिम्मेदारी होगी कि शिकायत का समाधान करें.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
पंकज जैन
  • नई दिल्ली ,
  • 22 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 11:53 PM IST
  • 24 घंटे काम करेगा कंट्रोल रूम
  • ऑक्सीजन को लेकर पुलिस को दी बड़ी जिम्मेदारी
  • अस्पतालों को ऑक्सीजन ऑडिट कमिटी बनाने के लिए कहा

दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन की कमी के मद्देनजर एक 24×7 कंट्रोल रूम बनाने के आदेश दिए हैं. इस कंट्रोल रूम में एक हेल्प डेस्क भी बनाया जाएगा जिसका काम होगा केंद्र सरकार के, दिल्ली सरकार के और प्राइवेट अस्पतालों की ऑक्सीजन संबंधित शिकायतों का निपटारा करना. ऐसी शिकायतों को आधे घंटे के भीतर निपटाना होगा. अगर आधे घंटे के भीतर शिकायत और समस्या का समाधान नहीं होता तो विजय बिधूड़ी नाम के आईएएस अफसर की जिम्मेदारी होगी कि शिकायत का समाधान करें.

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दिल्ली सरकार के मुताबिक ऐसी खबरें लगातार आ रही है कि यूपी या हरियाणा अपने यहां से मेडिकल ऑक्सीजन दिल्ली नहीं जाने दे रहे. ऐसे में आदेश देकर दिल्ली पुलिस को जिम्मेदारी दी गई है कि वह ऑक्सीजन टैंकर की आवाजाही और नियंत्रण पर निगरानी रखें. दिल्ली पुलिस को कहा गया है अलग-अलग चेकपोस्ट से दिल्ली में आने और बाहर जाने वाले ऑक्सीजन टैंकर का रिकॉर्ड रखा जाए. दिल्ली में एंट्री करते ही ऑक्सीजन टैंकर को हॉस्पिटल तक पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर दिया जाए. मिली जानकारी के अनुसार इस काम के लिए दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर मुक्तेश चंद्र को नोडल ऑफिसर बनाया गया है

अहम बात यह है कि दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर मुक्तेश चंद्र कि यह भी जिम्मेदारी होगी कि वह जहां से ऑक्सीजन बन रही है और दिल्ली के जिस अस्पताल में सप्लाई की जा रही है वहां तक सभी तरह की सिक्योरिटी का इंतजाम करें.

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सभी अस्पतालों को कहा गया है कि वह अपने यहां ऑक्सीजन ऑडिट कमिटी बनाएं. यह कमेटी देखेगी कि मेडिकल ऑक्सीजन का सही से इस्तेमाल हो. यह कमेटी यह डाटा कलेक्ट करेगी की कितनी ऑक्सीजन इस्तेमाल हुई और कितनी ऑक्सीजन का स्टॉक है और इसका सारा अपडेट सरकार को देगी.

 

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