
गाजीपुर लैंडफिल साइट पर 1 सितंबर को हुए हादसे को लेकर सुनवाई करते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कहा है कि इस मामले में और गंभीरता बरतने की जरूरत है. सोमवर को ईस्ट एमसीडी, ईडीएमसी, डीडीए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने अपना जवाब कोर्ट में दायर किया. सभी ने कहा कि कूड़ा डालने की वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है. कुछ जगहों को ढूंढ़ लिया गया है, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के चलते फिलहाल वहां कूड़ा नहीं डाला जा सकता है.
वेस्ट टू एनर्जी प्लांट पर भी तेजी से काम चल रहा है. जल्द ही इस पर भी अपनी रिपोर्ट कोर्ट को देंगे. एनजीटी ने जवाब दायर न करने पर दिल्ली सरकार और साउथ एमसीडी को जमकर फटकार लगाई. एनजीटी ने कहा कि अगली सुनवाई 19 सितंबर को सभी अपना एक्शन प्लान पेश करें.
इससे पहले एनजीटी ने सभी एजेंसियों से कहा था कि आपने पहले ही हमारे 2016 के उस आदेश का पालन क्यों नहीं किया जिसमें कूड़े के ढेर की ऊंचाई कम करने व कूड़े से एनर्जी बनाने को लेकर तमाम निर्देश दिए गए थे. आप देश की राजधानी में कूड़े के पहाड़ के नीचे लोगों को मार रहे हैं. यह बहुत अपमानजक है. यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
एनजीटी ने कहा कि हम केवल यह चाहते हैं कि बेकसूर लोगों की जान न जाए. 1 सितंबर को गाजीपुर लैंडफिल साइट पर कूड़े के पहाड़ का एक हिस्सा तेज धमाके के साथ धंस कर रोड पर गिर गया था और उनकी चपेट में आने से 2 लोगों की मौत हो गई थी और 5 लोग घायल हो गए थे.