Advertisement

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक्शन में दिल्ली सरकार, सौरभ भारद्वाज ने अपने विभाग का सचिव बदला

सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से ये फैसला दिया है कि दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार केजरीवाल सरकार के पास ही रहेगा. इसके बाद केजरीवाल सरकार अब एक्शन में आ गई है. केजरीवाल सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अपने विभाग के सचिव बदल दिया है.

दिल्ली मंत्री सौरभ भारद्वाज (Photo- PTI) दिल्ली मंत्री सौरभ भारद्वाज (Photo- PTI)
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 11 मई 2023,
  • अपडेटेड 6:44 PM IST

केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच अधिकारों की लड़ाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है. सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से ये फैसला दिया है कि दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार केजरीवाल सरकार के पास ही रहेगा. इसके बाद केजरीवाल सरकार अब एक्शन में आ गई है. केजरीवाल सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अपने विभाग के सचिव बदल दिया है. दिल्ली सरकार के सर्विसेज विभाग के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सेवा सचिव बदलने के आदेश जारी किए हैं. इसमें आशीष मोरे को सर्विसेज सचिव पद से हटाया गया है.

Advertisement

दरअसल, सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली को बाकी के केंद्रशासित प्रदेशों से अलग दर्जे का यूनियन टेरीटरी बताते हुए कहा है कि जमीन, पब्लिक ऑर्डर और पुलिस, इन तीन चीजों को छोड़कर उपराज्यपाल दिल्ली की चुनी हुई सरकार के मंत्रि परिषद की राय से ही कोई फैसला करेंगे. इस फैसले के बाद दिल्ली में केजरीवाल सरकार के अंदर जश्न का माहौल है. 

8 वर्षों से चल रहा था विवाद

बता दें कि दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच पिछले 8 साल से सबसे बड़ा विवाद चल रहा था कि दिल्ली के अफसरों की तैनाती तबादले का अधिकार किसके पास है. पिछले 8 साल में दिल्ली हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कई बार ये झगड़ा सुलझाने की कोशिश हुई. लेकिन आखिरी फैसला सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ को करना था.

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट में 4 दिनों तक चली दलील के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि केंद्रशासित प्रदेश चूंकि केंद्र का ही विस्तार हैं इसलिए वहां तैनात अफसर भी केंद्र के दायरे में आते हैं. दूसरी ओर दिल्ली सरकार का कहना था कि संघीय ढांचे के हित में चुने हुए जनप्रतिनिधि के पास ही अफसरों का नियंत्रण होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने भी माना कि दिल्ली सरकार के पास अफसरों का नियंत्रण होना चाहिए ताकि वो अफसरों को विधानसभा के प्रति जवाबदेह बना सकें.

केजरीवाल ने केंद्र पर साधा निशाना

दिल्ली के मुख्यमंत्री फैसले के बाद सचिवालय पहुंचे और जमकर केंद्र पर निशाना साधा. उन्होंने केंद्र सरकार पर कामकाज में अड़ंगा डालने के तमाम पुराने आरोप दोहराए और आगे सहयोग की उम्मीद जताई. साथ ही वह बड़े दिनों के बाद खुद उपराज्यपाल से मिलने भी गए. हालांकि ये मुलाकात सिर्फ 15 मिनट ही चल पाई.. 

दिल्ली सरकार को मिले ये अधिकार

- एलजी के पास दिल्ली से जुड़े मुद्दों पर व्यापक प्रशासनिक अधिकार नहीं हो सकते. यानी दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास प्रशासनिक सेवा का अधिकार. 

- दिल्ली सरकार के पास अधिकारियों की तैनाती और तबादले का अधिकार. - एलजी के पास दिल्ली विधानसभा और निर्वाचित सरकार की विधायी शक्तियों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं. 

Advertisement

- उपराज्यपाल दिल्ली सरकार की सलाह और मदद से चलाएंगे प्रशासन. 

- केंद्र का कानून न हो तो दिल्ली सरकार बना सकती है नियम.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement