
दिल्ली सरकार के स्कूलों में 15 अक्टूबर को मेगा पेरेंट्स टीचर्स मीटिंग का आयोजन किया जा रहा है. इसे सफल बनाने के लिए सरकार जमकर प्रचार कर रही है. लेकिन इसी बीच सैकड़ों गेस्ट टीचर्स को नौकरी से हटा दिया गया है. शिक्षकों के सरप्लस होने के कारण उन्हें हटाया गया है. इस फैसले से टीचर्स को बीच सत्र में नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा.
क्यों हटाए गए टीचर्स?
पीएफसी का मतलब है पोस्ट फिक्सेशन सेल. इसके तहत हर साल ये तय होता है कि बच्चों के अनुपात में उस सब्जेक्ट के टीचर कितने हैं. अगर गेस्ट टीचर ज्यादा मिले तो उन्हें हटा दिया जाता है. हालांकि, इससे पहले बीच सत्र में पीएफसी लागू नहीं होता था. लेकिन इस साल तुरन्त प्रभाव से लागू करने का फरमान जारी कर दिया गया है.
एक टीचर ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि परीक्षा परिणाम तैयार करने के लिए कम वक्त मिल पाया है, ऐसे में दो दिन में रिजल्ट तैयार कर पीटीएम संपन्न करा पाना सम्भव नहीं हो सकता है. दूसरी ओर हटाए गए अतिथि अध्यापकों के लिए रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है.
दिल्ली सरकार की दोहरी चाल- गेस्ट टीचर्स
गेस्ट टीचर्स का कहना है कि दिल्ली सरकार ने उनकी पीठ पर वार किया है. एक तरफ पब्लिक में यह मैसेज दिया गया है कि सरकार गेस्ट टीचर्स को परमानेंट करके उनकी सैलरी को फिक्स कर रही है. दूसरी तरफ टीचर्स को त्योहार के ठीक पहले हटा दिया गया है.