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Liquor Policy: दिल्ली में शराब की किल्लत से बचने को केजरीवाल सरकार ने उठाया ये कदम

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने रविवार रात मौजूदा शराब नीति को 30 सितंबर तक बढ़ाने का फैसला किया. कैबिनेट के फैसले को मंजूरी के लिए एलजी के पास भेजा गया है. हालांकि सोमवार को एलजी ने इस पर अपनी मुहर नहीं लगाई है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
राम किंकर सिंह
  • दिल्ली,
  • 01 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 7:35 PM IST
  • मौजूदा पॉलिसी को 30 सितंबर तक बढ़ाने का किया गया फैसला
  • कैबिनेट के फैसले को एलजी की मंजूरी का इंतजार

दिल्ली में एक बार फिर सरकारी दुकानों के जरिए शराब बेचने का फैसला आप सरकार ने किया है. माना जा रहा है कि सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया है ताकि दिल्ली में कहीं 'DRY DAY' न हो पाए. दिल्ली सरकार की नई पॉलिसी को लेकर काफी विवाद देखने को मिला था. 

दिल्ली सरकार ने नई शराब पॉलिसी को 2 महीने यानि 1 अगस्त 2022 से 30 सितंबर 2022 तक के लिए बढ़ा दिया है. नई पॉलिसी के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश के बाद केजरीवाल सरकार ने पुरानी नीति को दोबारा लागू करने का फैसला किया है. सरकार ने दो महीने का विस्तार इसलिए दिया है ताकि नई से पुरानी नीति के बीच दिल्ली में शराब की किल्लत ना हो. पुरानी नीति के तहत दिल्ली में एक बार फिर सरकारी दुकानों के जरिए शराब बेचने का फैसला दिल्ली सरकार ने किया है.

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दिल्ली सरकार ने रविवार रात मौजूदा पॉलिसी को 30 सितंबर तक बढ़ाने का फैसला किया. कैबिनेट के फैसले को मंजूरी के लिए एलजी के पास भेजा गया है. हालांकि सोमवार दोपहर तक फैसले को मंजूरी नहीं मिली है. एलजी ऑफिस के सूत्रों के मुताबिक, एलजी जल्द ही सरकार के फैसले पर मुहर लगा सकते हैं. ऐसे में एलजी की मंजूरी के बाद ही दिल्ली में शराब की दुकानें खुल पाएंगी.

इन सब के बीच राजधानी में शराब कारोबारी डरे हुए हैं. एक कारोबारी ने कहा कि - उनके स्टॉफ में दर्जनभर से ज्यादा लोग है. करोड़ों का निवेश किया है. लेकिन लगता नहीं था कि इतनी जल्दी सब कुछ हो जायेगा. वहीं साउथ दिल्ली के एक शराब कारोबारी ने कहा है कि लाइसेंस एक्सपायर तो हो गया, लेकिन सरकारी आदेश आते ही हम स्टॉक को बेच सकेंगे.

केजरीवाल सरकार पर बीजेपी का तंज

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वहीं दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं. आदेश गुप्ता कहा कि दिल्ली सरकार की आबकारी नीति की घोषणा और ज़मीनी हकीकत में अंतर है.

विपक्ष के नेता रामवीर सिंह विधूड़ी बोले, दिल्ली सरकार की नई एक्साइज पॉलिसी में हजारों करोड़ों का भ्रष्टाचार होगा. नई आबकारी नीति पर 2 महीने के एक्सटेंशन से और भ्रष्टाचार होगा. नई पॉलिसी से दिल्ली सरकार का 3 हज़ार करोड़ का राजस्व बढ़ा लेकिन कैबिनेट नोट में साफ लिखा है कि दिल्ली सरकार ने रेवेन्यू को लेकर जो अनुमान लगाया था वो पूरा नहीं हुआ. दिल्ली सरकार को 37 फीसदी रेवेन्यू लॉस हुआ है.

विधूड़ी ने यह भी कहा कि दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने 30 जुलाई को कॉन्फ्रेंस कर कहा ''सरकार को 3 हज़ार करोड़ रेवेन्यू का फायदा हुआ ''. वहीं दिल्ली सरकार का कैबिनेट नोट कुछ और सच्चाई बयां कर रहा है. कोई मामूली आदमी झूठ नहीं बोल रहा खुद डिप्टी सीएम सिसोदिया झूठ बोल रहे हैं.

विधूड़ी बोले, शराब बेचने वालों बिक्री तो बढ़ी लेकिन रेवेन्यू लॉस हुआ है. इसका मतलब चोर दरवाजे से गलत तरीके से बेचने का काम किया गया. जिससे आप के नेताओं के रेवेन्यू की बढ़ोतरी हुई है. पिछले 5 सालों में जो पुरानी नीति थी उसके तहत जो आय होती थी वो अब नई नीति लागू होने के बाद से कम हुई है. दिल्ली सरकार ने हमारी बात नहीं मानी.

 

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