
दिल्ली हाई कोर्ट ने जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की जमानत को खारिज करने के लिए लगाई याचिका पर मंगलवार को फैसला सुरक्षित रख लिया. कोर्ट में दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने कहा कि वह कन्हैया की जमानत खारिज करने के पक्ष में नहीं हैं, जबकि कोर्ट ने पुलिस के गोलमोल जवाब पर नाराजगी दर्ज की.
सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा, 'हम नहीं चाहते कि उनकी जमानत खारिज नहीं की जाए.' कन्हैया कुमार फिलहाल 6 महीने की जमानत पर हैं, जो 2 सितंबर को खत्म हो रही है. हालांकि, सरकार ने यह भी माना कि वो जमानत की शर्तों का उल्लंघन कर रहा है.
याचिकाकर्ता ने अदालत से कहा, 'मेरे अंदर राष्ट्रवाद और देशभक्ति की भावना है. अगर देश होगा हो हम होंगे. मुझे लगा कि कन्हैया जमानत की शर्तों का उल्लंघन कर रहा है. ऐसे में हाई कोर्ट में उसकी सशर्त जमानत को खारिज करने के लिए मैंने याचिका लगायी.
'पुलिस नहीं आई, इसलिए मुझे आना पड़ा'
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा, '3 मार्च और 9 मार्च को कन्हैया कुमार का दिया गया भाषण साफ तौर पर जमानत की शर्तों का उल्लंघन है. दिल्ली पुलिस को खुद कोर्ट आकर कन्हैया की जमानत खारिज करने के लिए याचिका लगानी चाहिए थी, लेकिन जब पुलिस ने ये नहीं किया तो खुद मुझे कोर्ट आना पड़ा.'
कन्हैया ने किया शर्तों का उल्लंघन: पुलिस
इससे पहले सुबह शुरू हुई सुनवाई के दौरान कन्हैया की जमानत को लेकर दिल्ली पुलिस ने फिर आपने हलफनामा में कहा कि कन्हैया जमानत की शर्तों का उल्लंघन कर रहा है. इस पर कोर्ट ने पूछा कि वह पिछली तीन तारीखों से लगातार सवाल कर रही है कि क्या पुलिस कन्हैया की जमानत खारिज करने के पक्ष में है? लेकिन आपका जवाब गोलमोल क्यों है.
'आप बताइए आपका स्टैंड क्या है'
कोर्ट ने नाराज लहजे में पुलिस को कहा, 'आपने सिस्टम का मजाक बनाकर रख दिया है. आप क्यों नहीं तय कर पा रहे हैं कि कन्हैया की जमानत खारिज होनी चाहिए या नहीं. आप आपने हलफनामे में कह रहे हैं कि कन्हैया जमानत की शर्तों का उल्लंघन कर रहा है. उसने भड़काऊ भाषण दिए हैं और फिर आप कह रहे हैं कि कोर्ट तय करे कि जमानत खारिज होनी चाहिए या नहीं. कोर्ट को जो करना है वो करेगी. लेकिन पुलिस अपना स्टैंड क्यों कोर्ट को साफ-साफ बता पा रही है.'
दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने कोर्ट से कहा कि पुलिस अगर कन्हैया की जमानत को लेकर अपना पक्ष साफ नहीं कर पा रही है, तो दिल्ली सरकार ये स्टैंड लेगी की कन्हैया की जमानत को लेकर उनका क्या पक्ष है.
पेश नहीं हुए LG द्वारा नियुक्त वकील
इस मामले में एक और दिलचस्प बात यह रही कि कन्हैया के केस में एलजी की तरफ से नियुक्त किए गए दो स्पेशल पब्लिक प्रोसीक्यूटर मंगलवार को कोर्ट मे पेश नहीं हुए. ऐसा इसलिए हुआ कि हाल ही LG और दिल्ली सरकार के अधिकारों को लेकर आए फैसले के बाद, अब LG वही वकील भेज सकते हैं, जिन पर काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स की सहमति हो. ये दोनों वकील LG ने खुद नियुक्त किए थे.