
केंद्र की मोदी सरकार और दिल्ली की केजरीवाल सरकार एक बार फिर आमने-सामने हैं. केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने दिल्ली सरकार से कहा है कि वह दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन बोर्ड के लिए गैर ब्यूरोक्रेट के नामांकन को वापस लें.
बता दें कि केजरीवाल सरकार दिल्ली मेट्रो में महिलाओं के लिए मुफ्त सफर की योजना लेकर आई है. दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार इस योजना को जल्दी लागू करना चाहती है. जिसके लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डीएमआरसी बोर्ड में नियुक्तियां की हैं.
दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने डीएमआरसी बोर्ड से नौकरशाहों को बाहर कर दिया है. डीएमआरसी बोर्ड में 17 सदस्य होते हैं, जिनमें केंद्र और दिल्ली सरकार के पांच-पांच सदस्य होते हैं, वहीं डीएमआरसी के 7 सदस्य होते हैं. दिल्ली सरकार ने अब नौकरशाहों की जगह पार्टी के नेताओं को बोर्ड में जगह दी है.
इस पर आपत्ति जताते हुए केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने दिल्ली सरकार से कहा है कि वह दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन बोर्ड में गैर-नौकरशाहों के नामांकन को वापस ले.