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फिर केंद्र बनाम दिल्ली! केजरीवाल का ट्वीट- नए बिल से दिल्ली में सरकार का मतलब LG होगा

केंद्र सरकार द्वारा संसद में NCT एक्ट से जुड़ा एक संशोधित बिल टेबल किया गया है, जिसके तहत दिल्ली में उपराज्यपाल की ताकत में बढ़ोतरी होगी. अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मसले पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.

अरविंद केजरीवाल का केंद्र सरकार पर निशाना (फोटो: PTI) अरविंद केजरीवाल का केंद्र सरकार पर निशाना (फोटो: PTI)
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 15 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 2:52 PM IST
  • दिल्ली में फिर शुरू हुई अधिकारों की जंग
  • केंद्र सरकार पर बरसे अरविंद केजरीवाल

राजधानी दिल्ली में एक बार फिर केंद्र बनाम राज्य सरकार की स्थिति बनती दिख रही है. केंद्र सरकार द्वारा संसद में NCT एक्ट से जुड़ा एक संशोधित बिल टेबल किया गया है, जिसके तहत दिल्ली में उपराज्यपाल की ताकत में बढ़ोतरी होगी. अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मसले पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को ट्वीट कर लिखा कि दिल्ली के लोगों द्वारा नकारे जाने पर (विधानसभा में 8 सीट, MCD उपचुनाव में 0) बीजेपी अब लोकसभा में बिल लाकर दिल्ली की चुनी हुई सरकार की शक्तियां कम करने की कोशिश में है. यह बिल संविधान पीठ के फैसले के विपरीत है. हम बीजेपी के इस असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक कदम की निंदा करते हैं.

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अरविंद केजरीवाल ने एक और ट्वीट किया, उन्होंने लिखा कि ये बिल कहता है...दिल्ली में 'सरकार' का मतलब LG होगा. तो चुनी हुई सरकार क्या करेगी? सभी फाइल्स LG के पास जाएंगी. ये सुप्रीम कोर्ट के 4 जुलाई 2018 के खिलाफ है, जिसमें कहा गया था कि फाइल्स LG को नहीं भेजी जाएंगी. चुनी हुई सरकार सभी फैसले लेगी और LG को फैसले की कॉपी ही भेजी जाएगी."

इस मसले पर दिल्ली सरकार हमला तेज़ करने जा रही है और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस मसले पर आज ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.

दिल्ली बनाम केंद्र सरकार!
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा संसद में एक बिल पेश किया गया है, इसके तहत दिल्ली के उपराज्यपाल को कुछ अतिरिक्त शक्तियां मिल सकती हैं. इनमें विधानसभा से अलग कुछ मामलों में दिल्ली सरकार को उपराज्यपाल की मंजूरी लेनी होगी. 

संशोधनों के मुताबिक, दिल्ली सरकार को विधायिका से जुड़े फैसलों पर LG से 15 दिन पहले और प्रशासनिक फैसलों पर करीब 7 दिन पहले मंजूरी लेनी होगी. इसी को लेकर दिल्ली सरकार आपत्ति जता रही है. ऐसा पहले भी कई बार हुआ है जब कामकाज को लेकर दिल्ली और केंद्र सरकार आमने सामने आई है. 

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