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प्रदूषण को लेकर एक्शन में दिल्ली सरकार, निर्माण को लेकर जारी कीं गाइडलाइंस

दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को ये गाइडलाइंस जारी कीं और कहा कि राज्य और केंद्र सरकार की सभी एजेंसियों के साथ ही सभी को निर्माण स्थल पर धूल प्रदूषण रोकने के लिए इनका पालन करना होगा.

दिल्ली में खराब हुई हवा की गुणवत्ता (फाइल फोटो) दिल्ली में खराब हुई हवा की गुणवत्ता (फाइल फोटो)
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 13 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 12:43 AM IST
  • निर्माण स्थल पर 10 मीटर तक लगाना होगा टिन कवर
  • धूल दबाने के लिए लगातार करना होगा पानी का छिड़काव
  • पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने जारी कीं पांच गाइडलाइंस

दिल्ली में प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार एक्शन मोड में आ गई है. दिल्ली सरकार ने धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पांच गाइडलाइंस जारी की हैं. दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को ये गाइडलाइंस जारी कीं और कहा कि राज्य और केंद्र सरकार की सभी एजेंसियों के साथ ही सभी को निर्माण स्थल पर धूल प्रदूषण रोकने के लिए इनका पालन करना होगा.

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पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि डीडीए, एमसीडी, सेंट्रल एजेंसी, पीडब्ल्यूडी, बाढ़ नियंत्रण विभाग या किसी भी सरकारी विभाग, व्यक्ति या निजी संस्था की ओर से निर्माण कार्य कराए जाने या तोड़फोड़ कराने के लिए 5 दिशा-निर्देशों का पालन करना जरूरी है. सभी संबंधित विभागों को यह निर्देश दे दिए गए हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि प्रदूषण से संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन हो.

क्या हैं गाइडलाइंस

दिल्ली सरकार की ओर से धूल नियंत्रण के लिए जारी की गई गाइडलाइंस के मुताबिक निर्माण या किसी तरह की तोड़फोड़ करते समय निर्माण स्थल की ऊंचाई से तीन गुना या अधिकतम 10 मीटर ऊपर तक टिन कवर के साथ ही ग्रीन नेट या तिरपाल लगाना अनिवार्य होगा.

निर्माण या तोड़फोड़ वाले स्थल पर पानी के छिड़काव की उचित व्यवस्था और धूल को दबाने के लिए पानी का लगातार छिड़काव करना जरूरी होगा. 20 हजार वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल वाली जगह पर एंटी स्मॉग गन लगाना भी जरूरी होगा. निर्माण स्थल पर मलबा भी पूरी तरह से ढका होना चाहिए.

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कोई भी गाड़ी, जो निर्माण स्थल या तोड़फोड़ वाले स्थल पर आवागमन कर रही है, वह गाड़ी और उसके टायर पानी से धुले होने चाहिए. गाड़ी पर रखी सामग्री ढकी होनी चाहिए.

13 हॉट स्पॉट की मॉनिटरिंग शुरू

गोपाल राय ने साथ ही यह भी कहा कि दिल्ली सरकार ने 12 अक्टूबर से सबसे प्रदूषित 13 हॉट स्पॉट की माइक्रो मॉनिटरिंग शुरू कर दी है. दिल्ली सरकार ने नगर निगम के 9 डिप्टी कमिश्नर को चिह्नित 13 हॉट स्पॉट का नोडल अधिकारी बनाया है. इन अधिकारियों से 14 अक्टूबर तक विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट मिलने के बाद एक्शन प्लान बनाया जाएगा.

ये हैं दिल्ली के 13 हॉट स्पॉट

दिल्ली के सबसे प्रदूषित 13 हॉट स्पॉट में मुंडका, अशोक विहार, बवाना, द्वारका, नरेला, रोहिणी, आनंद विहार, विवेक विहार, वजीरपुर, ओखला शामिल हैं. जहांगीरपुरी और आरके पुरम भी दिल्ली के सबसे प्रदूषित 13 हॉट स्पॉट में से हैं. गौरतलब है कि हवा की हालत अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में ही खराब होने लगी है. एक्यूआई खराब की श्रेणी में पहुंच गया है.

 

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