Advertisement

केजरीवाल सरकार का महिला सुरक्षा दल अधर में लटका...

दिल्ली विधानसभा चुनाव में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर वोट मांगने वाले अरविंद केजरीवाल सरकार का महिला सुरक्षा दल प्रोजेक्ट अब खटाई में पड़ता नजर आ रहा है. दिल्ली के लिए केजरीवाल सरकार ने तीसरे बजट में महिला सुरक्षा फोर्स के लिए किसी तरह के फंड का प्रस्ताव नहीं दिया है.

महिलाएं (प्रतीकात्मक तस्वीर) महिलाएं (प्रतीकात्मक तस्वीर)
आशुतोष मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 08 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 3:53 PM IST

दिल्ली विधानसभा चुनाव में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर वोट मांगने वाले अरविंद केजरीवाल सरकार का महिला सुरक्षा दल प्रोजेक्ट अब खटाई में पड़ता नजर आ रहा है. दिल्ली के लिए केजरीवाल सरकार ने तीसरे बजट में महिला सुरक्षा फोर्स के लिए किसी तरह के फंड का प्रस्ताव नहीं दिया है. सवाल के जवाब में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि महिला सुरक्षा फोर्स और उसकी कार्यपद्धति दिल्ली पुलिस के अंतगर्त आती है. इसकी वजह से प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो पाया. दिल्ली की पुलिस केंद्र सरकार के अधीन है.

Advertisement

सिसोदिया ने कहा कि जहां तक बसों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए मार्शलों की तैनाती का मामला है. उसके लिए होम गार्ड को बतौर मार्शल बसों में तैनात किया गया है. साथ ही पायलट प्रोजेक्ट के तहत कई इलाकों में मोहल्ला रक्षक दल भी तैनात किए गए हैं. वे इस बात को स्वीकारते हैं कि महिला सुरक्षा फोर्स का मामला आगे नहीं बढ़ पाया. सिसोदिया के मुताबिक मामला दिल्ली में कानून व्यवस्था और पुलिस से जुडा है. दिल्ली के एक केंद्र शासित प्रदेश होने के नाते उसके पास इस तरह के फोर्स गठन के अधिकार नहीं हैं. हालांकि सरकार इस मामले को लेकर पुलिस के साथ बातचीत करने की भी बात कर रही है.

इतना ही नहीं सीसीटीवी कैमरे के प्रोजेक्ट के लिए भी बजट में कोई प्रस्ताव नहीं रखा गया है. वहीं इस बजट में दिल्ली महिला आयोग के बजट को तीन गुना बढ़ाया गया है. सिसोदिया ने जिक्र किया कि सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं. साथ ही प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. लेकिन इस पूरी बहस में सबसे बडा सवाल यह है कि क्या महिला सुरक्षा फोर्स बनाने पर केजरीवाल सरकार अपने वादे से पलट रही है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement