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तीस हजारी हिंसा: दिल्ली HC ने कहा, वकील-पुलिस न्याय के दो पहलू, बातचीत से सुलझाएं विवाद

तीस हजारी में वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच हिंसा मामले को लेकर बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सलाह दी कि वे साथ बैठकर आपसी झगड़े को सुलझाएं. कोर्ट ने कहा कि वकीलों और पुलिस के जिम्मेदार प्रतिनिधियों के बीच संयुक्त बैठक होनी चाहिए, ताकि विवादों को सुलझाने की कोशिशें हो सकें.

दिल्ली हाई कोर्ट (Photo-IANS) दिल्ली हाई कोर्ट (Photo-IANS)
अनीषा माथुर
  • नई दिल्ली,
  • 06 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 9:43 PM IST

  • दिल्ली HC ने कहा-दोनों पक्ष आपस में करें बातचीत
  • पुलिस और वकीलों के बीच तीस हजारी में हुई थी हिंसा

तीस हजारी में वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच हिंसा मामले को लेकर बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सलाह दी कि वे साथ बैठकर आपसी झगड़े को सुलझाएं. कोर्ट ने कहा कि वकीलों और पुलिस के जिम्मेदार प्रतिनिधियों के बीच संयुक्त बैठक होनी चाहिए, ताकि विवाद को सुलझाने की कोशिशें हो सकें.

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कोर्ट ने हालांकि दोनों पक्षों को आईना भी दिखाया. कोर्ट ने कहा, बार काउंसिल और पुलिस प्रशासन दोनों कानून की रक्षा के लिए हैं. न्याय के सिक्के के ये दो पहलू हैं और कानून के लिए इन दोनों को करीबी और सद्भाव के साथ काम करना चाहिए. उनके बीच कोई भी असंगति या टकराव शांति और सद्भाव के लिए निंदनीय है. साथ ही भविष्य के लिए लोकहित के लिए भी खतरनाक है.

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दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच हिंसा मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि गृह मंत्रालय की स्पष्टीकरण की मांग वाली अर्जी का निपटारा कर दिया गया है. दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा बनाई गई कमिटी ही मामले की जांच जारी करेगी. मीडिया रिपोर्टिंग पर कोई रोक नहीं है. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा हमने अपने रविवार के आदेश में कहा था कि केवल 2 FIR जो उस दिन तक दर्ज हुई हैं, उसको लेकर कार्रवाई नहीं होगी. उसके बाद अगर कोई एफआईआर दर्ज हुई है तो उस पर दिल्ली पुलिस कार्रवाई कर सकती है. दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने आदेश में किसी तरह का स्पष्टीकरण देने से इनकार कर दिया.

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हाई कोर्ट ने कहा, सभी कुछ हमने अपने आदेश में लिखा था. कोर्ट ने केवल दो FIR को लेकर कोई भी "कोर्सिव" एक्शन नहीं लेने को कहा था. दरअसल गृह मंत्रालय ने 2 नवंबर को तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हिंसा को लेकर हाई कोर्ट के आदेश पर स्पष्टता मांगी थी. दिल्ली हाई कोर्ट ने गृह मंत्रालय की इस अर्जी को खारिज कर दिया. इसके अलावा दिल्ली हाई कोर्ट ने साकेत जिला अदालत मामले में पुलिस की अर्जी को खारिज कर दिया है. पुलिस ने वकीलों पर एफआईआर दर्ज कराने की इजाजत मांगी थी.  

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सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट में बार काउंसिल की ओर से कहा गया कि पुलिस को यह बताना होगा कि गोली चलाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है. पुलिस अपने मामले को छुपाने की कोशिश कर रही है. बार काउंसिल ने कहा कि साकेत की घटना में दिल्ली पुलिस ने सेक्शन 392 के तहत मामला दर्ज किया. पुलिस ने डकैती का मामला दर्ज किया है. ये पावर का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. कोर्ट में पुलिस की दलील पर वकीलों ने शेम-शेम के नारे भी लगाए.

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