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DDCA मानहानि केस: दिल्ली HC ने केजरीवाल और आजाद से मांगा लिखित जवाब

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पार्टी से निलंबित बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद पर DDCA द्वारा दायर मानहानि के सिविल केस में दिल्ली हाई कोर्ट ने दोनों को अपने लिखित बयान देने को कहा है. दिल्ली हाई कोर्ट ने दोनों को 30 दिन के अंदर अपने बयान दाखिल करने का निर्देश दिया है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पार्टी से निलंबित बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पार्टी से निलंबित बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद
सुरभि गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 02 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 7:24 PM IST

दिल्ली हाई कोर्ट ने डीडीसीए द्वारा दायर पांच करोड़ रुपए की मानहानि के सिविल केस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पार्टी से निलंबित किए गए बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद से बुधवार को कहा कि वे अपने लिखित बयान 30 दिनों के अंदर दाखिल करें.

DDCA के खिलाफ कथित टिप्पणी
दिल्ली जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) ने अपनी कार्यप्रणाली और वित्तीय कामकाज के खिलाफ केजरीवाल और आजाद द्वारा की गई कथित टिप्पणियों के लिए उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था.

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मुकदमे की पूरी कॉपी न होने का दिया हवाला
संयुक्त रजिस्ट्रार अनिल कुमार सिसोदिया ने केजरीवाल और आजाद को बुधवार को बयान दाखिल नहीं कर पाने के बाद निर्देश दिया कि वे 30 दिन के अंदर अपने बयान दाखिल करें. दोनों ने इस आधार पर बयान दाखिल नहीं किए कि दोनों को मुकदमे की पूरी कॉपी नहीं मिली थी.

DDCA एक हफ्ते में पूरी कॉपी दे
कोर्ट ने कहा, ‘प्रतिवादी नंबर 1 और 2 (केजरीवाल और आजाद) को जारी समन पर उनकी तरफ से वकील पेश हुआ और कहा कि उन्हें पूरे दस्तावेज नहीं मिले हैं. वादी (डीडीसीए) को निर्देश दिया कि वह प्रतिवादियों को 2 मार्च, 2016 से एक हफ्ते में कॉपी उपलब्ध कराए.’

कोर्ट ने कहा, ‘प्रतिवादी दस्तावेज मिलने के बाद 30 दिन के अंदर अपने लिखित बयान (डीडीसीए द्वारा दायर मुकदमे के संबंध में) दाखिल करेंगे. उसके बाद डीडीसीए चार हफ्ते में अपना जवाब दाखिल करेगा. दोनों पक्षों को 2 मार्च से 10 हफ्ते के अंदर अपने मूल दस्तावेज जमा करने होंगे.

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