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शिक्षकों की भर्ती को लेकर हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार को भेजा नोटिस

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में खाली शिक्षकों के पदों के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है.

अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो) अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
अजीत तिवारी/पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 07 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 7:57 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूल में टीचर्स की भर्ती न होने को लेकर लगाई गई जनहित याचिका पर दिल्ली सरकार को नोटिस भेजा है. हाईकोर्ट के कई आदशों के बाद भी अभी तक हजारों टीचर्स की भर्ती नहीं हो पाई है. याचिका में कहा गया है कि कोर्ट सरकार को निर्देश दे ताकि समयबद्ध तरीके से टीचर्स की भर्ती हो सके.

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हाईकोर्ट में लगाई गई जनहित याचिका में आरटीआई के माध्यम से जुटाई गई सूचना के आधार पर कोर्ट को बताया गया है कि टीचिंग और नॉन टीचिंग के कुल 14743 लोगों की दिल्ली के सरकारी स्कूलों में जरूरत है. सिर्फ 9366 टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ ही फिलहाल स्कूलों में हैं. करीब 5377 टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की भर्तियां अभी भी नहीं हो पाई हैं. इसके अलावा दिल्ली सरकार के स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी इस जनहित याचिका में सवाल खड़े किए गए हैं.

याचिका में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को घर से आने-जाने के लिए निजी स्कूलों की तर्ज पर ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम शुरू करने की मांग की गई है. साथ ही सरकारी स्कूलों में निजी स्कूलों की तरह नर्सरी और किंडरगार्टन की पढ़ाई भी शुरू करने के लिए विकल्प तलाशने की मांग की गई है. याचिकाकर्ता ने आरटीआई के माध्यम से जुटाई गई जानकारी में बताया है कि 20x20 के कमरे में क्लास रूम में एक साथ 150 बच्चों को बैठाया जाता है, जो उनके लिए स्वास्थ्य की दृष्टि से भी खतरनाक है.

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याचिका में कहा गया है कि दिल्ली के स्कूलों में शिक्षकों के काफी पद खाली हैं, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता पर काफी असर पड़ा है. कोर्ट 2 नवंबर को दोबारा इस मामले की सुनवाई करेगा. इस तरह की जनहित याचिका दिल्ली सरकार के उन बड़े-बड़े दावों की पोल खोलती है जिसमें सरकार हर दूसरे दिन सरकारी स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं को बढ़ाने का बखान करती है.

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